रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ इन दिनों बोर्ड पैटर्न पर कक्षा पांचवी व आठवीं की परीक्षाएं हो रही हैं। इसी परीक्षा के दौरान रीवा में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने जिले की शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। यहां एक नन्हा मुन्ना भाई पकड़ा गया जो अपने भाई की जगह परीक्षा दे रहा था। दरअसल विकास खंड शिक्षा अधिकारी रीवा आरएल दीपंकर ने बुधवार को कक्षा पांचवी एवं आठवीं की परीक्षा में स्थानीय कमला नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाणसागर कालोनी समान का औचक निरीक्षण किया। मिली जानकारी के अनुसार बीईओ की टीम को एक परीक्षार्थी पर शंका हुई। प्रवेश पत्र का मिलान करने पर जब परीक्षार्थी का नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम दूसरा बताया जबकि उसके पास प्रवेश पत्र भी फर्जी था। जिसमें नाम भी सही ढंग से नहीं पढ़ा जा सका था। कक्ष पर्यवेक्षक से जब तक के छात्र के संबंध में जानकारी पूछी गई तो कक्ष में ड्यूटी कर रहे पर पर्यवेक्षक उसके संबंध में कुछ भी बता नहीं सके। जब उन्होंने पूछा तो पर्यवेक्षक ने बताया कि यही छात्र विगत 2 दिन से लगातार परीक्षा दे रहा है। पैनल ने कसावट दिखाते हुए छात्र से जानकारी ली तो छात्र ने कहा कि मेरा छोटा भाई बीमार है जिसकी जगह पर मैं परीक्षा देने आया हूं। केंद्राध्यक्ष ने ही कहा कि आप परीक्षा में बैठ जाओ। उक्त छात्र के संबंध में जब केंद्र अध्यक्ष से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं। पर्यवेक्षक ही प्रवेश पत्र से मिलान कर परीक्षा ले रहे हैं इसके लिए मैं दोषी नहीं हूं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जिस कक्ष में छात्र परीक्षा दे रहा था और केंद्राध्यक्ष द्वारा जिस कर्मचारी की ड्यूटी उस कक्ष में लगाई गई है वह कर्मचारी अन्य कक्ष में ड्यूटी दे रहा था उसके स्थान पर दूसरा कर्मचारी उस कक्ष में ड्यूटी जा रहा था। ऐसी स्थिति में प्रथम दृष्टया केंद्राध्यक्ष की लापरवाही उजागर हो रही हैं।
छात्र को किया गया कक्ष से बाहर, परीक्षा से वंचित
बताया गया है कि फर्जी छात्र की जानकारी मिलते ही उक्त छात्र को कक्ष से बाहर किया गया एवं उसे परीक्षा से वंचित कर दिया गया। पूरी घटना का प्रतिवेदन डीईओ रीवा को भेजा जा चुका है ऐसा माना जा रहा है कि आगामी परीक्षा में केंद्राध्यक्ष को बदला जा सकता है।
बीईओ का प्रतिवेदन दब जाता है डीईओ कार्यालय में
हालांकि विकास खंड शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा चाहे विद्यालय का निरीक्षण हो चाहे परीक्षा केंद्र का निरीक्षण हो जो भी गड़बड़ियां पाई जाती हैं कार्यवाही के लिए प्रस्ताव डीईओ कार्यालय को भेजा जाता है लेकिन उनके प्रतिवेदन को दबा दिया जाता है। बीते दिनों गोविंदगढ़ विद्यालय में भी अव्यवस्थाएं मिली थी लेकिन उसमें आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब देखना यह है कि नन्हे मुन्ना भाई के पकड़े जाने पर डीईओ द्वारा क्या कार्रवाई की जाती।
सारे पर्यवेक्षक लगे हैं अशासकीय विद्यालयों के
निरीक्षण दल के होश तब उड़ गए जब उक्त परीक्षा केंद्र के हर कक्ष में मात्र अशासकीय विद्यालयों के शिक्षक ही पर्यवेक्षण कार्य करते पाए गए। इतना ही नहीं जिन जिन स्कूलों का उक्त विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाया गया है उन्हीं सभी विद्यालयों के परीक्षा शिक्षक भी पर्यवेक्षण कार्य कर रहे। अब देखना यह कि केन्द्राध्यक्ष को हटाने के साथ ही क्या पर्यवेक्षण कर रहे कर्मचारियों पर भी कोई कार्रवाई की जाती है या मात्र अशासकीय शिक्षक मानकर उन्हें छोड़ दिया जाता है।