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Umaria: पहली बार में कान्हा से 19 बारहसिंगा पहुंचे बांधवगढ़

उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/ बारहसिंगा को बसाने में लगातार देरी के बाद आखिर 26 मार्च रविवार को पहली खेप में 19 बारहसिंगा बांधवगढ़ पहुंच गए। हालांकि पहली खेप में पचास बारसिंगा बांधवगढ़ लाए जाने का दावा किया जा रहा था लेकिन अभी कुल 19 बारहसिंगा ही पहली बार में पहुंचे हैंं। इनमें आठ मादा और 11 नर बाहरसिंगा शामिल है। कुल सौ बारहसिंगा कान्हा से लाकर बांधवगढ़ में बसाए जाने का प्रोजेक्ट है। पचास बारहसिंगा को पिछले साल कान्हा से बांधवगढ़ लाया जाना था लेकिन अज्ञात कारणों से नहीं लाया जा सका था। पिछले साल पहले अक्टूबर में बारहसिंगा आने की चर्चा शुरू हुई थी और इसके बाद बात नवंबर और दिसंबर पर टल गई थी। फिर जनवरी और फरवरी में बारहसिंगा को लाया जाना था। फरवरी की 10 तारीख को तो बांधवगढ़ का दल बारहसिंगा लाने चला भी गया था और आठ बारहसिंगा लाए भी जा रहे थे लेकिन उन्हें रास्ते से ही वापस कर दिया गया।

नहीं पहुंचे वनमंत्री

बांधवगढ़ में बारहसिंगा को बाड़े में पहुंचाने के दौरान वन मंत्री कुंवर विजय शाह को आना था लेकिन वे भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यक्रम आ जाने से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। वन विभाग के अधिकारियों ने ही बारहसिंगा को उनके लिए बनाए गए पचास एकड़ के बाड़े में छोड़ा। इस दौरान पीसीसीएफ जेएस चौहान, एसएफआरआई संचालक अमिताभ अग्निहोत्री, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक राजीव मिश्रा, उपसंचालक लवित भारती, एसएफआरआई के रविन्द्रमणि त्रिपाठी, डा मजूमदार, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक सुधीर मिश्रा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

पहली बार कोशिश

बांधवगढ नेशनल पार्क में पहली बार बारहसिंगा को बसाने की तैयारी की गई है। जिसके लिए शासन स्तर से मंजूरी मिलने के साथ ही पार्क प्रबंधन तैयारी में भी जुट गया था। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बारहसिंगा को लेकर यहां पुनस्र्थापित किया जा रहा है। बारहसिंगा यहां के वातावरण में ढल सकें और उनकी आवयश्कताओं के साथ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं पार्क प्रबंधन द्वारा बनाई गई है। यही कारण है कि कान्हा टाइगर रिजर्व की ठोस मिट्टी वाली जमीन से आने वाले मेहमानों को बांधवगढ़ के एक बाड़े में तीन साल गुजारना पड़ेगा। इसके बाद उन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।

पूरी तरह सुरिक्षत है बाड़ा

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बारहसिंगा को लाकर बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बसाने के लिए मगधी जोन में पचास हेक्टेयर में बाड़ा तैयार किया गया है। यह बाड़ा पूरी तरह से सुरिक्षत है ताकि बारहसिंगा को किसी भी तरह से कोई खतरा नहीं होने पाए। बाड़े की फैंसिंग की ऊंचाई इतनी रखी गई है कि बाघ भी उसे फांद न सके। जमीन पर रेंगने वाले जानवर भी बाड़े में प्रवेश न कर सकें इसकी व्यवस्था भी की गई है। अभी तक बारहसिंगा को बांधवगढ़ नेशनल पार्क में लाने के लिए की जा रही तैयारियों में कमी थी जिसकी वजह से लगातार देरी हो रही थी। बारहसिंगा को रखने के लिए तैयार किए जा रहे बाड़े की फेंसिंग तैयार नहीं हो पाई थी जिसके कारण देरी हुई है।

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