सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मिट्टी का शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा क्योंकि मरणोपरांत यह शरीर अग्नि में जल कर राख हो जाता है। सेवा का संकल्प लेकर संत मोतीराम आश्रम के महंत स्वामी खिम्यादास जी ने देहदान की अलख ज्योति जगाने का बीड़ा उठाया है। स्वामी जी की प्रेरणा से प्रेरित होकर अभी तक 52 लोगों ने मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया है। देहदानियों के इस ‘महादान’ से चिकित्सा के क्षेत्र में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं शिक्षित होकर मानव की सेवा करते हैं।
जिले में मरणोपरांत देहदानियों की संकल्प सूची में शुक्रवार को पतेरी में रहने वाले डॉ: सूर्यबली सिंह चौहान का नाम भी जुड़ गया। विगत दिवस पतेरी करही रोड निवासी डॉ: सूर्यबली सिंह चौहान पिता स्वर्गीय बीरबल सिंह चौहान ने मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया।
अब तक 52 लोग ले चुके हैं देहदान का संकल्प
उल्लेखनीय है महंत श्री खिमयादास जी के मार्गदर्शन में अभी तक 52 लोग देहदान का संकल्प ले चुके हैं। आश्रम के कार्यकर्ताओं ने देहदान का संकल्प लेने वाले डॉ: सूर्यबली सिंह चौहान के घर जाकर उन्हें इस नेक कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर महत स्वामी खिम्यादास जी के शिष्य भाई प्रह्लाद जी, सेवादारी डॉ:एम एस श्रीवास्तव,अतुल दुबे,गोपीचंद कापडी, जे,पी निगम, मनोहर मोरयानी, मुकेश अग्रवाल, बिमल मिश्रा, नमो नारायण प्रसाद, उपस्थित रहे।