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Satna: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सतना ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ म. प्र.प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जिला सतना द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के लिए कलेक्टर सतना को ज्ञापन सौंपा गयाl प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सतना के जिलाध्यक्ष मनोज दुबे अकेला ने बताया कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर सतना जिला मुख्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 06.01.2023 को जारी राजपत्र में संशोधन करने हेतु 04 निम्नलिखित बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा गया ।

ये हैं मांगें

  • शिक्षा प्राप्त करना हर छात्र का मौलिक अधिकार है। शिक्षा विभाग द्वारा इसका व्यावसायिक करण किया जा रहा है। इसका सीधा प्रभाव छात्रों की शिक्षा में पड़ेगा अतः इस व्यवसायिककरण को समाप्त किया जाए। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा जारी राजपत्र को जो कि निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का आधार अधिनियम के अंतर्गत संचालित विद्यालयों को शुल्क शिक्षा अधिनियम बना दिया गया है। राज पत्र को जारी करने के पूर्व किसी भी संचालकों से ना तो सलाह ली गई और ना ही आपत्ति प्रस्तुत करने का कोई प्रचार प्रसार किया गया है। मनमाने तरीके से विद्यालयों में नियम थोप दिए गए हैं।
  • 1.इस राज पत्र में (1)(06)(क) सुरक्षा निधि जो कि पूर्ण रूप से गलत है विद्यालयों में लागू की गई है। इसको समाप्त किया जाए क्योंकि सुरक्षा निधि पूर्व में समाप्त कर दी गई थी एवं संचालकों की राशिमय ब्याज वापस कर दी गई थी।
  • (2) (5)(1) मान्यता के अधीन विभिन्न गतिविधियों हेतु जो शुल्क निर्धारित की गई है । इसमें निशुल्क शिक्षा अधिकार का सीधा उल्लंघन किया गया है। अतः इस नियम को तत्काल समाप्त किया जाए।
  • (3) विद्यालय संचालन हेतु कक्षा 01 से कक्षा 08 तक रजिस्टर्ड किरायानामा की जगह नोटराइज किरायानामा मान्य था। अतः रजिस्टर्ड किरायानामा समाप्त किया जाए।
  • (4) अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत संस्थाओं में 25 प्रतिशत न्यूनतम शुल्क दी जाती है। शुल्क का भुगतान भी दो-तीन वर्षों में किया जाता है यदि उपरोक्त नियमों का शासन द्वारा समाप्त नहीं किया जाता है तो संस्थाओं द्वारा संपूर्ण शुल्क जो कि विभाग द्वारा लगा दी गई है छात्रों से वसूल करने के लिए बाध्य होगी क्योंकि नियमानुसार संस्था के शुल्क का निर्धारण करना संस्था समिति का अधिकार है इसमें शासन विभाग कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
  • मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग प्रतिदिन तानाशाही तरीके से जो नियम बनाकर संस्थाओं को आर्थिक और मानसिक रूप से सिर्फ प्रताड़ित करने का काम कर रहा है। इंसान नियमों से प्रदेश के हजारों स्कूल संचालकों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने मांग की है कि यदि उपरोक्त बिंदुओं को 10 दिन में समाप्त नहीं किया जाता है तो संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा धरना प्रदर्शन एवं उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शिक्षा विभाग एवं मध्यप्रदेश शासन की होगी l

ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मनोज दुबे अकेला, आनंद द्विवेदी, मनोज मिश्रा,राजेश नामदेव, एच. एल. पटेल, आशुतोष पांडे , अजय द्विवेदी, गणेश सिंह सिंगरौल, गंगोत्री यादव ,पुष्पेन्द्र पटेल , ब्लाक अमरपाटन, रामहित त्रिपाठी नागोंद,राम किशोर पांडे, आर.के. गौतम, सुनील द्विवेदी,अखंड प्रताप सिंह, राकेश मिश्रा, श्रीमती अनुराधा मिश्रा रामपुर बघेलान ,अजय विश्वकर्मा ,विवेक शर्मा कोठी, सूर्य प्रकाश श्रीवास्तव , भास्कर दत्त शुक्ला, आशुतोष शुक्ला, विमलेश सोनी,अजय मिश्रा, शैलेन्द्र बागरी, राकेश मिश्रा, शिव नारायण द्विवेदी, शिव कुमार,रवि कुशवाहा सहित विद्यालय संचालक उपस्थित रहे l

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