Uttarakhand joshimath officially declared unsafe area as evacuation of families underway: digi desk/BHN/ जोशीमठ/ उत्तराखंड के जोशीमठ को आधिकारिक तौर पर भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित करते हुए इसे रहने के लिए असुरक्षित बताया गया है। अब तक दरकते घरों में रह रहे 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है। बाकियों को भी सुरक्षित जगहों पर ले जाने का प्रयास जारी है। गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने शहर के चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं और कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है। इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर स्थिति का जायजा लिया और दरार वाले मकानों में रह रहे लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की।
610 घरों में आईं बड़ी दरारें
जिला प्रशासन के मुताबिक 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है और कम से कम 90 और परिवारों को जल्द से जल्द निकालना होगा। बता दें कि जोशीमठ में कुल 4,500 इमारतें हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे वे रहने लायक नहीं रह गई हैं। उपायुक्त ने बताया कि एक सर्वेक्षण चल रहा है और प्रभावित इमारतों की संख्या इससे बढ़ भी सकती है। फिलहाल प्रभावित क्षेत्र में दरारों की वजह से एक बड़ी चापाकार आकृति बन गई है जो 1.5 किलोमीटर के दायरे में फैली हो सकती है। कुछ और इमारतों, होटलों और कॉलेजों को अस्थायी आश्रयों के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अधिगृहीत किया गया है। इनमें लगभग 1,500 लोग रह सकते हैं।
चमोली डीएम ने भी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया और बताया कि राज्य सरकार उन लोगों को छह महीने तक 4,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करेगी जो किराए के आवास में जाना चाहते हैं। उन्होंने लोगों से क्षतिग्रस्त घरों में रहना जारी रखने का विकल्प चुनकर अपनी जान जोखिम में नहीं डालने को कहा है।