सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई जन सुनवाई में अपर कलेक्टर संस्कृति जैन और सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित झाड़े ने जिले के विभिन्न अंचलो से अपनी समस्याओं का आवेदन लेकर आये आवेदकों की समस्याएं सुनी और उनके निराकरण के संबंध मे अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। साथ ही संयुक्त कलेक्टर सुरेश जादव ने भी आवेदकों के प्रकरणों पर सुनवाई की। इस मौके पर विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। जनसुनवाई में कुल 64 आवेदन प्राप्त हुये।
जनसुनवाई में जमीन का सीमांकन कराने, अनुकंपा नियुक्ति, गरीबी रेखा में नाम जोड़ने, गरीबी रेखा से नाम काटने, खाद्यान पात्रता पर्ची, दाखिल-खारिज कराने, धान उपार्जन का भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, अवैध कब्जा हटाने, राशन कार्ड बनाने, विद्युत समस्या, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, जमीन का कब्जा दिलाने, चिकित्सा सहायता, रोजगार दिलाने, भरण-पोषण और संबल योजना के लाभ संबंधी आवेदन लेकर आवेदक जनसुनवाई में पहुंचे। अपर ने आवेदकों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनकर समस्याओं के त्वरित निस्तारण करने के संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
दयाराम चौधरी को इलाज के लिये नकद राशि की पात्रता नहीं
सोशल मीडिया में भ्रामक जानकारी- सीएमएचओ
सोहावल विकासखंड के ग्राम अहिरगांव के दयाराम चौधरी द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर लगाए गए आरोपों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एलके तिवारी ने सिरे से खारिज किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतना ने अपने लिखित जारी खंडन में बताया है कि श्री दयाराम चौधरी ग्राम अहिरगांव के निवासी हैं और उनके पुत्र वीरेंद्र चौधरी को आंत की बीमारी है। जिसका इलाज उन्होंने पाठक हॉस्पिटल में कराया है। जिसमें पाठक हॉस्पिटल द्वारा 29 जुलाई 2019 में आंत के ऑपरेशन और उपचार के लिए 80 हजार रुपये से एक लाख रुपये के खर्च का एस्टीमेट दिया गया था। आवेदक के आवेदन और संलग्न दस्तावेजों के अनुसार उन्होंने अपने पुत्र का इलाज पाठक हॉस्पिटल में कराया और हॉस्पिटल के बिल के अनुसार 2 लाख 51 हजार 140 रुपए जमा कराए हैं। अब आवेदक दयाराम चौधरी द्वारा इलाज के लिए कर्ज की भरपाई हेतु यह राशि नकद के रूप में आर्थिक सहायता की मांग की जा रही है।
सीएमएचओ ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना एवं राज्य बीमारी सहायता निधि योजना में पाठक हॉस्पिटल चिन्हित नहीं हैं और इलाज के लिए नकद राशि दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। राज्य बीमारी सहायता निधि योजना 1 अप्रैल 2019 से समाप्त कर दी गई है। इस योजना में गंभीर बीमारियों के इलाज पर हुए खर्च की राशि योजना में अनुबंधित अस्पताल को ट्रांसफर करने के प्रावधान थे। रोगी को राशि दिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। आवेदक दयाराम चौधरी द्वारा सोशल मीडिया में भ्रामक और झूठी जानकारी फैलाई जा रही है।