उमरिया, भास्कर हिंदी न्यूज़/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैगा चित्रकारी की आइकान बन चुकीं जोधइया बाई बैगा का नाम दूसरी बार पद्मश्री के लिए भेजा गया है। इस बार उनका नाम जनजातीय संग्रहालय मध्य प्रदेश भोपाल से भेजा गया है। पिछली बार जिला प्रशासन ने पद्मश्री के लिए भेजा था, लेकिन उन्हें यह सम्मान नहीं मिल पाया था। हालांकि बाद में इसी साल उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति सम्मान दिया गया था। 85 वर्ष की उम्र पार कर चुकीं बैगा चित्रकार जोधाइया के कई चित्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुके हैं, जिससे उनका नाम ट्राइबल आर्ट की दुनिया में छा चुका है। उनकी चित्रकारी को उनके गुरु स्व आशीष स्वामी ने तराशने का काम किया।
जोधइया बाई के नाम पर दीवार
शांति निकेतन विश्वभारती विश्वविद्यालय, नेशनल स्कूल आफ ड्रामा, आदिरंग कार्यक्रम में शामिल हुईं और सम्मानित हुईं। मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय भोपाल में जोधइया बाई के नाम से एक स्थाई दीवार बनी हुई है जिस पर इनके बनाए हुए चित्र हैं। मानस संग्रहालय में भी शामिल हो चुकी हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान न सिर्फ जोधइया बाई को सम्मानित कर चुके हैं बल्कि वे उनसे मिलने लोढ़ा के उनके कर्मस्थली तक भी पहुंच गए थे।
मोदी को बताया था कि नहीं मिला आवास
उमरिया जिले के छोटे से गांव लोढ़ा की जोधइया बाई सात मार्च 2022 को प्रधानमंत्री निवास तक पहुंच गईं और वहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई। प्रधानमंत्री ने उनके साथ फोटो खिंचवाई। प्रधानमंत्री ने जब जोधइया बाई से उनका हाल-चाल और समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे कच्चे घर में रहती हैं और उन्हें पक्का मकान अभी तक नहीं मिला। जोधइया बाई की बात सुनकर प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी मुस्कुरा दिए और कहा कि पक्का मकान भी बन जाएगा। हालांकि उन्हें अभी तक पीएम आवास का लाभ नहीं मिला है। जबकि कलेक्टर ने उसी समय उन्हें पीएम आवास देने की बात कही थी। कलेक्टर डा कृष्णदेव त्रिपाठी ने कहा कि वे पता करवाते हैं कि आखिर जोधइया बाई को अभी तक पीएम आवास का लाभ क्यों नहीं मिला। सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने लोढ़ा सचिव संतोष राय से जानकरी ली। सचिव ने एक प्रतिवदेन सीईओ को भेजा है। पीएम आवास प्लस में जोधइया बाई का नाम शामिल नहीं हुआ है