- सतना जिले में 4 सरपंच और 728 रिक्त पंच पदो में होंगे चुनाव
- संबंधित ग्राम पंचायतों में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतों के उप निर्वाचन 2022 के उत्तरार्ध के लिए निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। सतना जिले में पंचायतों के उप निर्वाचन में 4 ग्राम पंचायतों में रिक्त सरपंच पद और कुल रिक्त 728 पंच पदों के लिए निर्वाचन कराया जाएगा। निर्वाचन कार्यक्रम जारी होते ही इन ग्राम पंचायतों में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। जो निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि तक प्रभावशील रहेगी।
सतना जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 सरपंच पदों के आरक्षण प्रक्रिया में 4 पंचायतें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी। किंतु इन 4 ग्राम पंचायतों में उस वर्ग का मतदाता नहीं होने से नाम निर्देशन प्रस्तुत नहीं किया जा सका। फलस्वरुप निर्वाचन के दौरान यह 4 ग्राम पंचायतों में सरपंच के पद रिक्त रह गए हैं। इनमें नागौद विकासखंड की ग्राम पंचायत जसो और लालपुर तथा रामपुर बघेलान की बकिया बैलो और चूंदखुर्द ग्राम पंचायत शामिल है। उप निर्वाचन के पूर्व इन पंचायतों में सरपंच पद आरक्षण के अपवर्जन की कार्यवाही की जाकर निर्वाचन संपन्न कराया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित उप निर्वाचन के कार्यक्रम अनुसार पंचायतों में रिक्त पदों के लिए निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन एवं नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने का कार्य 15 दिसंबर 2022 को प्रातः 10ः30 बजे से शुरू होगा। नाम निर्देशन 22 दिसंबर तक प्राप्त किए जाएंगे। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 23 दिसंबर को होगी और 26 दिसंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। आवश्यक होने पर मतदान 5 जनवरी 2023 को प्रातः 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक कराया जाएगा।
पंचायत राज्यमंत्री श्री पटेल आज भूमिपूजन और जनसंवाद के कार्यक्रमों में होंगे शामिल
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल 11 दिसंबर को अमरपाटन क्षेत्र में सड़क निर्माण के भूमिपूजन एवं विभिन्न ग्रामों में जनसंवाद के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रमानुसार राज्यमंत्री श्री पटेल प्रातः 10 बजे अमरपाटन से प्रस्थान कर 10ः30 बजे नयनपुर में जनसंवाद करेंगे। इसी प्रकार 11ः45 बजे ग्राम खजुरी सुखनंदन, दोपहर 12ः45 बजे ग्राम झिन्ना, 2ः30 बजे ग्राम भदवा, 3ः30 बजे ग्राम डिठौरा एवं 4ः30 बजे ग्राम करौंदी में जनसंवाद करेंगे। राज्यमंत्री श्री पटेल सायं 5ः30 बजे ग्राम सन्नेही में 2 करोड़ 28 लाख रुपये लागत के सन्नेही-बरा मार्ग का भूमिपूजन करेंगें। इसके उपरांत सन्नेही से प्रस्थान कर रात्रि 8 बजे अमरपाटन पहुंचेंगे।
ग्राहक मध्यस्थता समाधान शिविर में होगा लंबित प्रकरणों का निराकरण
मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग एवं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में लंबित प्रकरणों का निराकरण विशेष अभियान में शिविर लगा कर किया जायेगा। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री शांतनु एस. केमकर के निर्देशन में 16 दिसम्बर, 2022 को यह शिविर लगाये जायेंगे। शिविर राष्ट्रीय स्तर पर “ग्राहक मध्यस्थता समाधान’’ के तहत राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोग के कार्यालयों में लगाये जायेंगे। आयोग के प्रशासनिक अधिकारी श्री राजीव शर्मा ने बताया कि इस विशेष अभियान में प्रकरणों के निराकरण के लिये इच्छुक पक्षकार एवं अधिवक्ता से 13 दिसम्बर तक प्री-सिटिंग की कार्यवाही की जायेगी। सभी संबंधितों से आग्रह किया गया है कि शिविर के माध्यम से अपने विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण करायें।
एआईएसएचई पोर्टल पर डाटा समय-सीमा में सबमिट करें : आयुक्त श्री शर्मा
आयुक्त उच्च शिक्षा कर्मवीर शर्मा ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, विभाग के अतिरिक्त क्षेत्रीय संचालक और अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को ’ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई)’ पर डाटा अद्यतन एवं पंजीकरण की कार्यवाही अनिवार्य रूप से समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। श्री शर्मा ने कहा कि एआईएसएचई से देश के मानचित्र पर हम प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की श्रेष्ठ स्थिति को दर्शाने में सफल हो पायेंगे। इसलिये सभी शैक्षणिक संस्थान 20 जनवरी 2023 तक पोर्टल पर अनिवार्य रूप से डाटा अद्यतन और पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय शिक्षा सर्वेक्षण से उच्चतर शिक्षण संस्थानों के शिक्षक-विद्यार्थी नामांकन, परीक्षा परिणाम, शिक्षा-वित्त, बुनियादी ढ़ाँचे जैसे मापदंडों का डाटा एकत्रित किया जाता है। इस डाटा से सकल नामांकन अनुपात, विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात, लिंग-समानता सूचकांक आदि की गणना की जाती है। इस सर्वे से प्राप्त जानकारी उच्चतर शिक्षा के विकास के लिये नीतिगत निर्णय लेने में उपयोगी साबित होती है।