अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा जैसी ही स्थिति
नागौद/ नागौद में शासकीय विद्यालयों में भर्रेशाही का आलम है। विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था हुई बेलगाम है। विद्यालयो के खुलने बंद होने का कोई समय नहीं है। विद्यालय में पदस्थ शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है। एक ओर जहां तक देश की सरकार स्कूल चले हम, पढ़ेंगे हम बढ़ेंगे हम,पढ़े का इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया जैसे नारों से शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर ,घर-घर शिक्षा पहुंचाने का कार्य रहे हैं वहीं दूसरी ओर शासकीय विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक शिक्षा व्यवस्था को दीमक बन कर खा रहे हैं आला अधिकारी भी सब जानते हुए मौन धारण किए हुए है।
सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चों के भविष्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ क्यों और सब कुछ जानते हुए भी आला अधिकारी क्यों है मौन। शिकायतों के बाद भी आला अधिकारी नहीं कार्रवाई करते है। सरकार एक ओर बच्चो को देश का भविष्य बता कर कार्य कर रही वही सरकार के ही कर्मचारियों द्वारा देश के भविष्य के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। इस मामले में सतना जिला शिक्षा अधिकारी भी नहीं देते ध्यान। मीडिया में खबरों के बाद भी आलाअधिकारी कार्यवाही करने से कतराते नज़र आते है और खुद ही शिक्षकों को बचाने में लगे रहते है और कुछ जगह तो शिक्षक भी यह कहते नज़र आते है की ऊपर हमारी सेटिंग है। हमारा कुछ नहीं होगा। सूत्र यह भी बताते है की जिला शिक्षा कार्यालय में लेने देने का खेल कर शिक्षकों को कार्यवाही की जगह अभयदान दे दिया जाता है अपनी करतूतों में व्यस्त शिक्षकों पर कार्यवाही ना होने सारे शिक्षा विभाग पर सवालिया निशान लग रहे हैं ।