
रीवा, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रीवा जिले के मऊगंज के जंगल में 80 टुकड़ों में मिले नरकंकाल के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है। इसके हत्या के दो मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी आपस में जीजा- साले हैंं । आरोपी ने बहन के साथ अनैतिक संबंध बनाने पर जीजा के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। युवक का नरकंकाल जंगल में पांच सितंबर को मिला था। शव गलने के कारण 80 हड्डियां बिखरी मिली थीं, जिसे पुलिस ने बरामद किया था।
रीवा पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया कि विकास गिरी (31) निवासी छुहिया सरैया गांव, मऊगंज थाना, रीवा जिला फरवरी महीने में घर से अचानक गायब हो गया था। तब विकास के परिजनों ने मउगंज थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत कराई थी।
शिकायत के बाद पुलिस विकास की खोजबीन में लगी रही, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। पांच सितंबर को राहगीरों को एक नरकंकाल मऊगंज के पास छुहिया सरैया गांव ढाई किलोमीटर दूर दुधमनिया के जंगल मिला था। राहगीरों ने मऊगंज पुलिस इसकी सूचना दी थी।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को एक युवक का नरकंकाल मिला। वहीं एक पैंट भी पुलिस को मिला था। पैंट में विकास का आधार कार्ड मिला तब उसकी पहचान की गई। पुलिस इसे हत्या मानकर मामले की जांच में जुट गई। जांच के दौरान कई संदेहियों से पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान यूनुस बख्श निवासी दुधमनिया 43 वर्ष और सुल्तान मोहम्मद 40 वर्ष को गिरफ्तार किया। युनूस ने बताया कि विकास मेरी बहन पर बुरी नजर रखता था। कई बार समझाया पर वह नहीं माना। तब अपने जीजा सुल्तान मोहम्मद के साथ मिलकर हम दोनों ने छुहिया सरैया गांव में लाठी- डंडे से हमलाकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद हम लोगों ने हत्या को छिपाने के लिए दुधमनिया के जंगल में ले जाकर शव को फेंक दिया और घर आ गए थे।
शव गलने से मिली थी हड्डी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विकास का शव आरोपी ने अपना गुनाह को छुपाने के लिए जंगल में फेंक दिया था। करीब चार महीने तक शव का पता नहीं चला। उसके शव से मांस गल गया था, जिसके कारण करीब 80 हड्डियां मौके पर बिखरीं मिली थीं, जिन्हें सितंबर माह में ही बरामद कर लिया गया था।