MP school education news this time the students of class 5th and 8th will also be able to choose urdu and marathi languages: digi desk/BHN/भोपाल/ इस सत्र में मप्र बोर्ड के प्रदेश के सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों में 5वीं व 8वीं की कक्षा की बोर्ड परीक्षा होगी। हालांकि निजी स्कूलों में पहली बार बच्चे बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। सरकारी स्कूलों में 2020 में बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा कराए जाने की योजना थी, लेकिन कोविड काल के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। पिछले सत्र में बोर्ड की तर्ज पर वार्षिक परीक्षा ली गई थी। इस बार स्कूल शिक्षा विभाग ने परीक्षा के संबंध में कुछ बदलाव किए हैं। विभाग ने भाषा चयन व माध्यम के नियमों में बदलाव किया। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने 5वीं और 8वीं की 2022-23 परीक्षा के संबंध में जारी निर्देशों में कुछ आंशिक संशोधन जारी किए हैं। आदेश में लिखा है कि सरकारी स्कूलों के लिए 31 अक्टूबर 2022 को परीक्षा पोर्टल पंजीयन के लिए खोला जा चुका है। अब सभी मान्यता प्राप्त प्राइवेट अनुदान प्राप्त स्कूल व मदरसों के छात्रों का पंजीयन पोर्टल पर पांच से 25 नवंबर के बीच किया जा सकेगा। बता दें, कि प्रदेश भर के पांचवीं व आठवीं के करीब 16 लाख विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे।
ये किए गए हैं बदलाव
प्राथमिक भाषा हिंदी और अंग्रेजी रहेगी। इसके अलावा उर्दू, मराठी भाषा के चयन करने पर वैकल्पिक भाषा/तीसरी भाषा के रूप में हिंदी सामान्य चुनना होगा। वहीं 5वीं में प्राथमिक भाषा हिंदी और अंग्रेजी चुनने वाले विद्यार्थी वैकल्पिक भाषा के रूप में सामान्य उर्दू/सामान्य पंजाबी चुन सकेंगे। वहीं 8वीं के विद्यार्थियों के लिए तीसरी भाषा के रूप में पूर्व में दिए गए विकल्प के साथ पंजाबी भाषा को भी शामिल किया गया है।
2007-08 से बंद कर दी गई पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा
प्रदेश में पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा 2007-08 में बंद कर दी गई थी। निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद पहली से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा बंद कर वार्षिक मूल्यांकन शुरू कर दिया था। आरटीई के तहत किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे मूल्यांकन में स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को पास किया जाने लगा। इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद मप्र शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। इसके तहत पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा होगी। साथ ही फेल होने वाले विद्यार्थियों को आगे की कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। वर्ष 2019-20 में पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन कोरोना के चलते बाद में सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया। अब इस बार पांचवीं-आठवीं की परीक्षा को बोर्ड की तर्ज पर होगी।