kisan protest:newdelhi/ किसान आंदोलन की वजह से मंडियों में सब्जियों की आवक पर भी असर पड़ने लगा है। जिन रास्तों से पंजाब, हरियाणा के साथ हिमाचल प्रदेश से सब्जियां आती थी। उन रास्तों में किसानों के वाहन खड़े हैं इनके पीछे सब्जियों से लदी गाडियां खड़ी है। दिल्ली की सीमाओं को पुलिस ने भी सील कर दिया है जब तक सीमाएं खोली नहीं जाती है। सब्जियों से लदे वाहनों का मंडी तक पहुंचना मुश्किल है। ठंड के शुरूआती माैसम में भिंडी, तोरी, टिंडा जैसी सब्जियां केशोपुर चौधरी चेतराम सब्जी मंडी में आसानी से उपलब्ध हो जाती रहीं हैं। लेकिन किसान आंदोलन की वजह से सीमा से इन सब्जियों से लदे वाहन मंडियों में मुश्किल से पहुंच रहे हैं। इससे इनके भाव में तेजी आ गई। मंडी में भिंडी, टिंडा और तोरी क्रमश : 15 रुपये से लेकर 25 रुपये और 25 रुपये से लेकर 30 रुपये प्रतिकिलो की दर से थोक भाव में मिल रहे हैं। चूंकि, मंडी में आलू, प्याज और टमाटर का स्टॉक पहले से मंडियों में मौजूद है। थोक में आलू 30 रुपये से 36 रुपये, प्याज 25 से 35 रुपये और टमाटर 18 रुपये से 32 रुपये तक प्रतिकिलाे की दर से उपलब्ध है। लेकिन, दो तीन दिन में सीेमाएं नहीं खोली गई तो इन सब्जियों के भाव बढ़ना तय माना जा रहा है। अभी राहत इतनी है कि दिल्ली के किसानों की बदौलत केशोपुर मंडी में गोभी चार से नौ रुपये, बैंगन पांच से 10 रुपये प्रतिकिलो की दर से थोक में उपलब्ध हो जा रहा है। चूंकि, ठंडे का मौसम है और इन दिनों दिल्ली के खेतों में से सरसों, पालक का साग, मूली और धनिया अच्छी पैदवार हुई है।

हरी सब्जियों की अच्छी खेप

हरी सब्जियों की अच्छी खेप भी मंडियों में पहुंच रही है यही वजह है कि थोक में क्रमश : ये सब्जियां चार से आठ रुपये, दो रुपये से छह रुपये, पांच रुपये आठ रुपये में उपलब्ध हो जा रही हैं। चूंकि, गाजर की आवक औसतन कम है और मांग ज्यादा है इसलिए भाव उंचा है फिर भी 10 से 20 रुपये उपलब्ध हाे जा रहा है। कोरोना संक्रमण की वजह से मंडियों में ग्राहक भी कम आ रहे हैं। इसलिए भी सब्जियों की खपत पिछले दिनों की तुलना में कम है। लौकी सब्जी के ट्रक खड़े हैं लेकिन कोई ग्राहक नहीं है। यह सब्जी दाे से तीन रुपये किलो की दर से थोक में उपलब्ध है।