सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में कलेक्टर की पत्नी श्रीमती नेहा चौधरी वर्मा के निर्देशन में चलाए जा रहे नवाचार के अभियान बाल वस्त्र दान को अत्यंत सराहना मिल रही है। कमजोर वर्ग और वंचित परिवार के एक से 15 वर्ष तक के बच्चों को सर्दियों के मौसम में गर्म और सामान्य पहनने के कपड़े जुटाने के अभियान में शहर के नागरिक और ग्रामीण क्षेत्र की आजीविका मिशन की दीदियां भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। शुक्रवार को आजीविका मिशन के महिला स्व-समूहों द्वारा खुद तैयार किए गए बच्चों के लिए नये कपड़े दान करने लाये आजीविका मिशन की दीदीओं ने जिला परियोजना प्रबंधक अंजुला झा के साथ कलेक्टर अनुराग वर्मा को ऑफिस पहुंच कर भेट किये।
गौरतलब है कि 25 सितंबर से प्रारंभ अभियान में 25 अक्टूबर तक एक माह बच्चों के लिए पुराने और नए कपड़े संग्रहित किए जायेंगे। एक माह बाद संग्रहित कपड़ों को पहाड़ी अंचल परसमनिया, मझगवा के सुदूर इलाकों और शहरी क्षेत्र की सेवा बस्तियों में पहुंच कर जरूरत मंद परिवार के बच्चों को वितरित किए जाएंगे। बाल वस्त्र दान अभियान में वस्त्र संग्रहण के लिए सतना शहर में 6 संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। शहर या जिले का कोई नागरिक या समाज सेवी संस्था इन केन्द्रों पर पहुंचकर नये अथवा पुराने कपड़े बच्चों के लिए दान कर सकते हैं।
खुशियों की दास्तां
मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह में लैपटॉप की राशि पाकर खुश हुये आयुष और भावेश
प्रदेश सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही योजनायें विद्यार्थियों का भविष्य संवारने में पूरी तरह से सार्थक साबित हो रही हैं। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के कारण छात्र-छात्रायें अपनी रुचि के अनुसार शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होकर सफलता के नित नई ऊचाईयों को छू रहे हैं। शुक्रवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह कार्यक्रम में जिले की शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्रमांक-1 सतना के मेधावी छात्र आयुष केशरवानी और भावेश गुप्ता शामिल हुये। कार्यक्रम में प्रदेश के अन्य प्रतिभावान विद्यार्थियों के साथ दोनो को लैपटॉप क्रय करने के लिये 25-25 हजार रुपये की राशि खाते में अंतरित कर प्रतीक स्वरुप चेक प्रदान किये गये।
योजना से मिली राशि से दोनो छात्र लैपटॉप क्रय कर इसका उपयोग आगे की पढ़ाई में करेंगे। आयुष और भावेश ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विद्यार्थियों के हित में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये बताया कि वे आईटी सेक्टर में काम कर प्रदेश और देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करना चाहते हैं। सरकार की योजनाओं की बदौलत आगे की पढ़ाई में आने वाली आर्थिक बाधाओं से अब इन्हें पूरी तरह से मुक्ति मिल चुकी है। अब आयुष और भावेश अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में केन्द्रित कर अपने सुनहरे भविष्य का सपना साकार करेगें।