Advocates created a ruckus by placing dead bodies in the high court premises vandalized: digi desk/BHN/जबलपुर/हाई कोर्ट के एक युवा अधिवक्ता द्वारा शुक्रवार को दोपहर में आत्महत्या किए जाने की सूचना मिलते ही सैकड़ों वकील उसके घर पहुंच गए। शाम को चार बजे के करीब गुस्साए वकील शव लेकर हाई कोर्ट परिसर के भीतर घुस आए। सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित वकील शव लेकर सीधे हाई कोर्ट में न्यायाधीशों के कक्षों की तरफ बढ़ गए। वहां नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी। मौके पर तैनात पुलिस बल को स्थिति नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस वजह से कुछ वकीलों को चोटें भी आईं।
आक्रोशित वकीलों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए शव कोर्ट भवन से नीचे लाकर कोर्ट परिसर स्थित हनुमान मंदिर के सामने रख दिया। आत्महत्या के पीछे प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआइ या एसआइटी जांच की मांग करने लगे। यही नहीं स्टेट बार कौंसिल भवन में बने एक सीनियर एडवोकेट चैंबर में आगजनी कर दी। स्थिति अनियंत्रित होते देख मौके पर अधिक पुलिस बल व फायर ब्रिगेड बुलाई गई।
संयुक्त आमसभा बुलाई गई
हाई कोर्ट व जिला बार एसोसिएशन की संयुक्त आमसभा सिल्वर जुबली सभागार में आयोजित हुई, जिसमें एकमतेन शनिवार को प्रदेश स्तरीय अधिवक्ता हड़ताल का प्रस्ताव पारित किया गया।
दिवंगत वकील के घर व अधारताल थाने पहुंचे
अगले चरण में वकीलों का काफिला दिवंगत अधिवक्ता अनुराग साहू के अधारताल स्थित घर की तरफ रवाना हुआ। जहां से एकजुट होकर वकील अधारताल थाने पहुंचे और आत्महत्या कांड में एफआइआर दर्ज करने की मांग करने लगे। कुछ वकील अपने दिवंगत अधिवक्ता साथी अनुराग साहू की पत्नी रचना साहू, 44 वर्ष, पुत्र शिवांश 11 वर्ष व पुत्री अनन्या 15 वर्ष को सांत्वना देते रहे।
रात में ही कराया पोस्टमार्टम
कलेक्टर डा.इलैयाराजा टी ने रात में ही पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए। पुलिस शव लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंची। फारेंसिक विभागाध्यक्ष डा.विवेक श्रीवास्तव, डा. मुकेश श्रीवास्तव की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। इससे पूर्व गुस्साए वकील शव को मेडिकल भेजने तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि पोस्टमार्टम दिन में होता है। इसलिए शव को शनिवार को सुबह मेडिकल ले जाया जाए। समझाइश की कोशिश के दौरान पुलिस अधिकारियों से गहमागहमी हुई। पुलिस ने समझाया कि विशेष परिस्थिति में रात में पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दी जा चुकी है। हाई कोर्ट के इतिहास में इस तरह की घटना पहली बार हुई है, जब किसी वकील द्वारा आत्महत्या करने के बाद आक्रोशित वकील शव लेकर हाई कोर्ट में घुस आए। यही नहीं शव लेकर कोर्ट रूम तक पहुंच गए।
यह है मामला
युवा अधिवक्ता अनुराग साहू की आत्महत्या को महिला आरक्षक से दुष्कर्म के आरोपित टीआइ संदीप अयाची की जमानत अर्जी की सुनवाई से संबंधित बताया जा रहा है। 26 सितंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान एक आपत्तिजनक पत्र को लेकर संबंधित कोर्ट ने पूछताछ की। इसके साथ ही शासकीय अधिवक्ता, जमानत अर्जीकर्ता अयाची की ओर से पैरवी करने खड़े हुए वरिष्ठ अधिवक्ता व साथ में खड़े अधिवक्ता अनुराग साहू से भी पूछताछ की गई। इस दौरान एएसपी को भी बुलाया गया। अंतत: शुक्रवार को संबंधित कोर्ट द्वारा आपत्तिजनक पत्र को संलग्न करते हुए जांच के निर्देश दे दिए गए। शुक्रवार को अधिवक्ता अनुराग साहू द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की सूचना सामने आई। इसलिए दोनों घटनाक्रमों को एक साथ जोड़कर देखा जाने लगा। अधिवक्ताओं का आरोप था कि तर्क के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिससे अवसादग्रस्त होकर साहू सीधे घर गया और आत्महत्या कर ली।