नैना यूरिया के उपयोग पर मैहर में संगोष्ठी संपन्न
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सरकार कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों का परीक्षण कर खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके सार्थक परिणाम अब नजर आने लगे हैं। सांसद श्री सिंह गुरुवार को कृषि उपज मंडी मैहर में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) के तत्वाधान में कृषि, सहकारिता, राजस्व विभाग एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना के सहयोग से आयोजित नैनो यूरिया उपयोग संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व मंडी अध्यक्ष संजय राय, संतोष सोनी, विपणन निदेशक इफको योगेन्द्र कुमार, मुख्य क्षेत्र प्रबंधक डॉ देवेंद्र सिंह, कृषि वैज्ञानिक वेद प्रताप सिंह, अध्यक्ष शारदा विपणन सहकारी समिति मैहर जनार्दन शुक्ला, अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ विश्वनाथ सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिध और कृषकगण उपस्थित रहे।
सांसद श्री सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी के लिये हानिकारक है। कृषि क्षेत्र में यूरिया और डीएपी देश की सबसे बड़ी जरुरत है। इसके लिये सरकार को अन्य देशों से यूरिया और डीएपी का आयात करना पड़ रहा है। लेकिन नैनो यूरिया के आ जाने से सरकार पर आयात का बोझ कम हुआ है। सांसद ने कहा कि उर्वरक क्रय करने में किसानों को अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है। नैनो यूरिया के प्रयोग से किसानों को आर्थिक बचत हो रही है। साथ ही इसका परिवहन और खेतो में छिड़काव करना भी बहुत आसान है। उन्होने कहा कि 500 मिलीमीटर नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया के बराबर है। नैनो यूरिया का सबसे पहले प्रयोग अहमदाबाद गुजरात में किया गया था। इसके सफल परीक्षण के बाद आज पूरे देश में नैनो यूरिया का उपयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक योजनाओं क्रियान्वित की जा रही हैं। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे गुणवत्ता पूर्ण अनाज का उत्पादन किया जा सके। किसानों को फसल बर्बादी से हुये नुकसान की भरपाई के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस साथ ही कृषि मंडियों में मिट्टी परीक्षण का सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिये सरकार हर फसल खरीद रही है।