“खुशियों की दास्तां”
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश में बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही महत्वाकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना बेटियों के सुखद जीवन के निर्माण में वरदान साबित हो रही है। योजना से लाभान्वित बालिकाएं तथा उनके अभिभावक इस उपलब्धि के लिए प्रदेश सरकार तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नीतियों की सराहना करते नही थकते।
सतना नगर के डालीबाबा चौक निवासी कमजोर आर्थिक परिस्थिति वाले परिवार के रमेश सोनी की प्रतिभावान पुत्री रिया सोनी भी इन्ही बेटियों में शामिल है। गरीब परिवार की बेटी रिया शहर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्र-1 में कक्षा 12वीं की छात्रा हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना की बदौलत पढ़ाई में होने वाले खर्च से मुक्ति पा चुकी रिया आईपीएस अफसर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अब आत्मविश्वास के साथ आंगें बढ़ रही है। रिया को कक्षा 6वीं में प्रवेश पर 2 हजार रुपये, कक्षा 9वीं में 4 हजार रुपये और कक्षा 11वीं में 6 हजार रुपये की छात्रवृत्ति योजनांतर्गत प्राप्त हो चुकी है। इस राशि का उपयोग रिया ने अपनी पढ़ाई में किया है। उसके अभिभावकों का कहना है कि शायद सरकार की यह योजना नहीं होती तो अपनी बेटी की पढ़ाई इतने बेहतर तरीके से नहीं करा सकते थे।
खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा मां तुझे प्रणाम कार्यक्रम के तहत मई माह में प्रदेश की 200 बेटियों के साथ रिया को अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बाघा-हुसैनीवाला (पंजाब) का भ्रमण कराया गया। रिया का कहना है कि कभी सपने में भी नही सोचा था की पढ़ाई में इतनी सहूलियत और पर्यटन स्थलों के भ्रमण का मौका मिलेगा। लाड़ली बेटी रिया ने गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में आयोजित लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बालिकाओं और उनके अभिभावकों के सम्मेलन में फर्राटेदार अंग्रेजी में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को इन सब का श्रेय देते हुए सभी को भाव-विभोर कर दिया।
शासकीय आईटीआई सतना के 35 प्रशिक्षणार्थी एल एंड टी कंपनी के लिए चयनित
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सतना के कारपेंटर व्यवसाय के वर्ष 2021-22 में प्रशिक्षण लिए 35 प्रशिक्षणार्थियों को लार्सन एंड टर्बा एलएनटी कंपनी ने अपने बेंगलुरु कार्यक्षेत्र में चयन किया है। यह सभी प्रशिक्षणार्थी 2021 में प्रवेश लेकर 2022 में उन्होंने अपना प्रशिक्षण पूर्ण किया था। इन सभी प्रशिक्षणार्थियों को कंपनी ने अप्रेंटिस ट्रेनी के रूप में चयनित किया है जिनका कार्यक्षेत्र बेंगलुरु होगा। गुरुवार को संस्था के प्राचार्य बीडी तिवारी ने ऑफर लेटर प्रदान करते हुये बेंगुलरु के लिये रवाना किया।
सुरक्षा जवान भर्ती पंजीयन शिविर आज सोहावल में
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विकासखंड सोहावल के जनपद पंचायत सभागार कक्ष में प्रातः 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सुरक्षा जवान भर्ती पंजीयन शिविर का आयोजन सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विस (इण्डिया) लिमिटेड सेंटर सिंगरौली के माध्यम से किया जायेगा। जिसमें न्यूनतम 10वीं पास, 21 से 35 वर्ष आयु वर्ग के 168 सेंटीमीटर ऊचांई और 56 किलोग्राम वजन के मानदंड को पूर्ण करने वाले ग्रामीण बेरोजगार युवाओं का चयन किया जायेगा।
स्कूल बैग पॉलिसी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश और अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रमेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में भारत सरकार द्वारा जारी “स्कूल बैग पालिसी 2020“ के संबंध में गुरुवार को एकेएस विश्वविद्यालय सतना में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस मौके पर वाईस चासंलर ए.के.एस. यूनिर्वसिटी हर्षवर्धन श्रीवास्तव, जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित तथा जिले में संचालित समस्त शासकीय एवं निजी विद्यालयों के संस्था प्रमुख और प्राचार्य गण उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में जिले के समस्त शासकीय एवं निजी विद्यालयों के लगभग 450 प्रशिक्षार्णियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी सुभाष चौधरी द्वारा स्कूल बैग पॉलिसी 2020 के संबंध में बताया गया कि भारी स्कूल बैग के कारण बच्चों के शरीर पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे कि गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। जो सिरदर्द, कंधे के दर्द, पीठ के दर्द और गर्दन तथा हाथ के दर्द का कारण बन सकता है। उन्होने बताया कि राज्य सरकार ने भी अपनी स्कूल बैग पालिसी 2020 जारी कर दी है। इसके अनुसार कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों का स्कूल बेग उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। विद्यालय प्रबंधन सभी छात्रों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण पीने योग्य पानी उपलब्ध कराएं, ताकि छात्रों को अपने घर से पानी की बोतल लाने की आवश्यकता न हो। कक्षा 2 तक के विद्यार्थियों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाये। विद्यालय अपनी सुविधानुसार प्री-स्कूल से सीनियर सेकेंडरी तक के छात्रों को लॉकर उपलब्ध कराने चाहिए, ताकि वे कुछ किताबें विद्यालय में ही छोड़ सके और आवश्यकतानुसार घर ले जा सकें।