सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य में धान, ज्वार और बाजरा उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन 15 सितंबर से शुरू हो जाएगा। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने किसान पंजीयन का उत्तरदायित्व, कर्मचारियों की भूमिका का निर्धारण, पंजीयन कार्य का सघन पर्यवेक्षण एवं मॉनीटरिंग की व्यवस्था एवं पंजीयन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
राज्य शासन के समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा फसल के उपार्जन के लिये निर्धारित कार्यक्रमानुसार किसान अपना पंजीयन 15 सितंबर सें 15 अक्टूबर तक करा सकेंगें। किसान पंजीयन व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। किसान स्वयं के मोबाइल से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगें। जिससे किसानों को पंजीयन केन्द्रों में लाईन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। किसान ग्राम पंचायत व जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्र तथा तहसील की सुविधा केन्द्र समिति, सहकारी समिति, एस.एच.जी., एफ.पी.ओ. और एफ.पी.सी. द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर निःशुल्क पंजीयन कराया जा सकेगा। जबकि सशुल्क पंजीयन एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क या कामन सर्विस सेन्टर, लोक सेवा केन्द्र और सायबर कैफे से कराया जा सकता है।
उपार्जन प्रक्रिया में संशोधन
पूर्व प्रक्रिया में किसान को फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्त होता है। एसएमएस से प्राप्त तिथि पर किसान उपार्जन केन्द्र पर जाकर अपनी फसल बेच सकता है। एसएमएस प्राप्ति की प्रक्रिया में कई बार किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। परिवर्तित व्यवस्था में उपार्जन केन्द्र पर जाकर फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्ति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। नवीन व्यवस्था में फसल बेचने के लिए किसान, निर्धारित पोर्टल से नज़दीक के उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाईम स्लॉट का स्वयं चयन कर सकेंगे। उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाईम स्लॉट का चयन नियत तिथि के पूर्व करना अनिवार्य होगा। सामान्य तौर पर उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि से एक सप्ताह पूर्व तक उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाईम स्लॉट का चयन किया जा सकेगा।
उपार्जित फसल के भुगतान की व्यवस्था में संशोधन
किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए वैकल्पिक बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। नवीन पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखे।
जिलों और विभिन्न तहसीलों में संचालित आधार पंजीयन केन्द्रों पर पर्याप्त व्यवस्था रखी जाएगी ताकि किसान वहां जाकर आसानी से अपना मोबाईल नंबर अपडेट करा सके। इस कार्य के लिए पोस्ट आफिस में संचालित आधार सुविधा केन्द्र का भी उपयोग किया जायेगा। आधार नंबर से बैंक खाता लिंक कराने के लिए बैंकों के साथ भी समन्वय आवश्यक होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान का बैंक खाता आसानी से उसके आधार नंबर से लिंक हो जाए एवं संबंधित बैंक द्वारा बैंक खाता एवं आधार की जानकारी एनपीसीआई को प्रेषित की जाए। इस संबंध में बैंकों के साथ बैठक कर न केवल उन्हें समुचित निर्देश दिये जाए, वरन इस कार्य की नियमित निगरानी भी की जाए। बैंक खाते को आधार नंबर से लिंक कराने में किसान को कोई दिक्कत अथवा शिकायत हो तो उसका त्वरित समाधान किया जाए।
किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।