ट्रांसफार्मर पर रखें विशेष निगाह, खराब होने पर तुरंत ठीक करायें
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/ प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने गुरूवार को विद्युत विभाग के आला अफसरों को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि रबी सीजन में कृषि क्षेत्र में 10 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करना राज्य शासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को सही वच्ल्टेज पर विद्युत प्रदाय सुनिश्चित हो और उन स्थानों को चिन्हित किया जाए जहॉं वितरण ट्रांसफार्मर बार-बार खराब हो जाते हैं। ऐसे स्थानों का परीक्षण कर तकनीकी सुधार करके वितरण ट्रांसफार्मर फेल होने से रोका जाए ताकि विद्युत प्रदाय बाधित नहीं हो।
प्रमुख सचिव ने कार्यपालन अभियंता स्तर के अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय मुख्य अभियंता एवं कंपनी के उच्च प्रबंधन को निर्देशित किया कि मैदानी दौरे सुनिश्चित करें और फील्ड स्तर पर विद्युत आपूर्ति को लेकर तकनीकी एवं अन्य दिक्कतों का विश्लेषण कर उसे दूर करें। इसके लिए उन्होंने चालू माह और दिसंबर माह का प्रोग्राम तत्काल बनाकर मैदानी दौरे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के बिजली वितरण ट्रांसफार्मर की फैल्युअर की दर का लक्ष्य 6 प्रतिशत तक रखा है। कनेक्शनों के वैधानिक लोड और वैधानिक कनेक्शन को देखते हुए ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की जाए। यह ध्यान रखा जाए की वैधानिक लोड की गणना करके ही ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की जाए। श्री दुबे ने कहा कि ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव तकनीकी दृष्टि से फील्ड स्तर पर ही किया जाए और आवश्यक होने पर एरिया स्टोर में भेजकर सुधार कराया जाए। ट्रांसफार्मर सुधार इकाई एमटीआरयू (मेजर ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) एवं एसटीआरयू (स्माल ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) को पूर्ण दक्षता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग के साथ उसकी टेस्टिंग प्रभावी ढंग से की जाए ताकि ट्रांसफार्मर फेल नहीं हो।
प्रमुख सचिव ने बकाया राशि की वसूली के लिए निर्देश दिए तथा बकाया राशि वसूली की साप्ताहिक रूप से समीक्षा प्रबंध संचालक स्तर पर करने के लिए कहा। उन्होंने प्रति यूनिट राजस्व वसूली बढ़ाये जाने के निर्देश दिए और बिलिंग इफिशिएंसी, कलेक्शन इफिशिएंसी, प्रति यूनिट नगद राजस्व वसूली (सीआरपीयू) में निरंतर सुधार के निर्देश दिए। इसके लिए उन्हच्ंने माइक्रच् लेवल तक समीक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्हच्ंने मीटरीकरण पर जच्र देते हुए कहा कि सभी शासकीय अथवा गैर शासकीय प्रतिष्ठानों को मीटरीकृत देयक प्रतिमाह समय पर दिया जाना चाहिए।