उमरिया,भास्कर हिंदी न्यूज़/ शुक्रवार की सुबह एक चौंका देने वाला वीडियो सामने आया है। यह वीडियो उमरिया जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर का है। इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि स्कूल के बच्चे नाला पानी में उतर कर पार कर रहे हैं।
नाले पर कोई पुल नहीं है, जिसकी वजह से बच्चों को स्कूल जाने के लिए परेशानी होती है। लगातार हुई बारिश के दौरान नाला उफान पर था तो बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था, लेकिन नाले से पानी उतर गया है तो अब बच्चे उस नाले में उतरकर स्कूल का सफर तय कर रहे हैं। हालांकि, अभी भी नाले में भरपूर पानी है और मासूम बच्चे घुटने भर पानी से ज्यादा गहरे नाले में उतरने के लिए विवश है। अव्यवस्थाओं की कहानी कहता यह वीडियो बच्चों की जिंदगी पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
गंभीर मामला
कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम सरसवाही में स्कूली बच्चे जान हथेली में रखकर घुटने तक पानी से होते हुए स्कूल पहुंच रहे है, ये मामला अत्यंत सवेदनशील है, और गम्भीरता बरतने की ज़रूरत है। अभी हाल में पानी मे डूबने से आरक्षक और एक मासूम की जान पर सवाल बना हुआ है। हालांकि, शुक्रवार की सुबह आरक्षक का शव मिल गया है, परन्तु अभी भी ग्राम धनवाही में डूबे आदिवासी मासूम का कोई पता नही है। अभी भी परिवार के लोग रुंधे गले से उसके मिलने के भरम में आशान्वित हैं। ऐसे हालात में गहरे पानी से होते हुए मासूमो का स्कूल पहुंचना और दिनभर पढ़ाई पूरी कर फिर उसी गहरे पानी के रास्ते वापस घर आना खतरनाक ही नहीं जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल है।
तीन गांव के बच्चे
मुख्यालय से महज 20 किमी दूर ग्राम सरसवाही स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वैसे तो मझगवां, बरतराई, ददरौडी, कोडार, बरदोहा, बरबसपुर, खेरवा, सरसवाही सहित आधे दर्जन से अधिक गांव के मासूम अध्ययनरत हैं, परन्तु तीन गांव बरतराई, ददरौडी, कोडार से आ रहे छात्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग नहीं होने की वजह से इसी बरुहा नदी के गहरे पानी से होकर स्कूल पहुंच रहे है,जो बेहद खतरनाक है।
पुल हुआ क्षतिग्रस्त
विदित हो कि ग्राम सरसवाही और ददरोडी को जोड़ने वाली बरुहा नदी पर बना पुल पिछले क़ई सालों पहले क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद से ही ग्रामीण खासा परेशान हैं। ग्रामीणों के साथ बच्चे भी हर रोज़ जान जोखिम में डालकर घुटने तक पानी से होते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं।
हो सकता है कोई बड़ा हादसा
मासूम बच्चे जब नाला पार करते हैं तो उनके साथ कोई भी जिम्मेदार आदमी नहीं होता। बच्चे नाले को पार करना खेल समझते हैं और उछल कूद मचाते हुए नाले के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की तरफ जाते हैं। इस दौरान कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सवाल ये उठता है कि यदि ऐसा कोई बड़ा हादसा हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। गांव के लोगों ने मांग की है कि वह नाले के ऊपर जल्द से जल्द पुल का निर्माण किया जाए।