Heart Attack Cardiac Arrest Difference: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ आमतौर पर लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को समान ही मानते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। Heart Attack और Cardiac Arrest के काफी अंतर होता है, जिसके बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं रहती है।
दोनों में मूलभूत अंतर तो यह है कि इनमें से एक में दिल तक खून कम पहुंचता है, जिसके कारण हार्ट की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जबकि दूसरे में हार्ट काम करना बंद कर देता है।
इन परिस्थितियों को कहते हैं हार्ट अटैक
हार्ट अटैक उस स्थिति को कहा जाता है, जब दिल की मांसपेशियों तक रक्त पहुंचाने वाली नसों में कोई रुकावट हो। इससे दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है। इसे मेडिकल भाषा में मायोकार्डियल इन्फार्कशन कहा जाता है। इस कारण से ऊतकों को होने वाली क्षति स्थायी रूप से हृदय को कमजोर कर सकती है। समय पर इलाज नहीं होने से कार्डियक अरेस्ट की स्थिति बन जाती है।
ये होता है कार्डियक अरेस्ट
डॉक्टरों के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट उस परिस्थिति को कहते हैं, जब दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति तत्काल बंद हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर स्थिति है, जिसमें दिल को तुरंत दोबारा शुरू करने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए कई बार मरीज को CPR और शॉक जैसी थैरेपी देना पड़ती है।
कार्डियक अरेस्ट आने से पहले दिखते हैं ये लक्षण
चूंकि कार्डियक अरेस्ट में दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। कार्डियक अरेस्ट होने पर यदि रोगी को तत्काल मेडिकल मदद नहीं मिली तो उसकी मृत्यु हो सकती है। इसमें हृदय को जल्द से जल्द शुरू करना होता है जिसके लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR), डीफिब्रिलेटर, आदि उपयोगी होती हैं। कार्डियक अरेस्ट होने पर मरीज की नब्ज चलना भी बंद हो सकती है और बेहोशी छा जाती है। कार्डियक अरेस्ट होने से पहले कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जैसे सीने में तकलीफ, सांस फूलना, कमजोरी, धड़कनों में अप्रत्याशित बदलाव आदि। इसके अलावा सीने में असहजता महसूस करना, सीने में खिंचाव, सीने के पिछले हिस्से में पीठ के मध्य दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सीने में जलन हो सकती है, पसीना आ सकता है, पेट खराब हो सकता है। अपच हो सकती है।