National heatwave in india summer season warm air north india bearing brunt news and updates: digi desk/BHN/बेंगलुरु/ सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक हालिया रिपोर्ट ‘डिकोडिंग द अर्बन हीट स्ट्रेस अमंग इंडियन सिटीज’ में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई का हाल ही में तापमान सूचकांकों का अध्ययन किया गया था। ये शहर रात के दौरान उतने ठंडा नहीं हो रहे हैं, जितने 2001 से 2010 के दौरान होते थे। देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। देश की राजधानी दिल्ली में आसमान से आग बरस रही है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को यहां तापमान 48 डिग्री को पार कर गया। सबसे ज्यादा जानलेवा गर्मी राजस्थान में पड़ रही है। यहां तापमान 49 डिग्री से ऊपर रहा। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब, यूपी और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में भी तापमान 48 डिग्री से ऊपर चला गया। गर्मी के दिनों में देश के कई महानगरों में रातें भी गर्म हो रही हैं। देश के प्रमुख महानगरों के तापमान सूचकांक (एचआई) में 2010 के बाद से काफी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके पीछे सबसे अहम कारण शहरों में तेजी से बढ़ता निर्माण कार्य, ग्लोबल वार्मिंग के साथ साथ हवा में बढ़ती नमी है। इन सभी कारणों ने शहरी इलाकों का तापमान सूचकांक बढ़ा दिया है। वहीं, एयर कंडीशनर के बढ़ते उपयोग से भी शहरों की हवा गर्म होती जा रही है।
सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक हालिया रिपोर्ट ‘डिकोडिंग द अर्बन हीट स्ट्रेस अमंग इंडियन सिटीज’ में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई का हाल ही में तापमान सूचकांकों का अध्ययन किया गया था। ये शहर रात के दौरान उतने ठंडा नहीं हो रहे हैं, जितने 2001 से 2010 के दौरान होते थे। रिपोर्ट में एक दशक के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया है कि दिन में भूमि की सतह का जो तापमान होता था, रात में वह 6.2 से 13.2 डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता था। लेकिन पिछली 10 गर्मियों में यह 6.2 डिग्री सेल्सियस से 11.5 डिग्री सेल्सियस तक ही घटता है। रात की ठंडक में सबसे ज्यादा 24 फीसदी की कमी मुंबई में देखी गई है। रात के समय में ठंड कम होने का सीधा असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर दिखाई देता है। इससे लोगों को दिन की गर्मी से पैदा हुए तनाव से उबरने के लिए बहुत कम समय मिल पाता है।
इस रिपोर्ट में चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, जर्मनी और अमेरिका के वैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है कि अत्यधिक गर्म रातों से मौत का खतरा करीब छह गुना तक बढ़ जाएगा। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मानसून के दौरान भी ज्यादा गर्मी हो रही है। मानसून के पहले की अवधि की तुलना में ताप सूचकांक अधिक रहा है। 2001 से 2010 के दौरान दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में मानसून के समय ताप सूचकांक चढ़ा था, लेकिन दक्षिण भारत के महानगरों हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में इसमें गिरावट आई थी। लेकिन पिछले 10 साल में मानसून के दौरान दिल्ली, मुंबई और कोलकाता ज्यादा गर्म हो गए हैं। वहीं, चेन्नई में मानसून के समय, जो मामूली ठंडक रहती थी वह गायब हो गई। दरअसल, तापमान सूचकांक ये बताता है कि तापमान के साथ आर्द्रता यानी नमी को शामिल करने पर वास्तव में कितनी गर्मी महसूस होती है। माना जाता है कि 41 डिग्री सेल्सियस का ताप सूचकांक मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है।