मानव तस्करी की भी संभावना
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रोजगार की तलाश में दलालों के चक्कर में फंसकर सतना का एक 24 वर्षीय युवक मलेशिया जा पहुंचा है, लेकिन अब वह जेल में है। उसे मलेशिया की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी जानकारी लगने के बाद सतना में युवक के परिजन परेशान हो रहे हैं। अब परिजनों ने भारत सरकार व प्रधानमंत्री से युवक की रिहाई के लिए गुहार लगाई है। सतना के एक मजदूर पिता ने अपने बेटे को रोजगार और अच्छा पैसा कमाने के लिए पाई-पाई जोड़कर विदेश भिजवाया, लेकिन अब वही बेटा विदेश में जेल की सलाखों के पीछे है। वहीं स्वजनों ने इस मामले में मदद के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम कलेक्टर और सतना सांसद गणेश सिंह को भी आवेदन दिया है, जिसके बाद सांसद ने विदेश मंत्री को पत्र भेजकर उचित कदम उठाने की मांग की है। घटना में युवक के पिता रामजी मल्लाह उनके अधिवक्ता सुखेंद्र पांडेय ने मानव तस्करी की भी संभावना व्यक्त की है।
दरअसल विदेश जा कर पैसा कमाने की चाह में सतना के बिरला टपरिया बस्ती निवासी 24 वर्षीय युवक अमित मल्लाह पिता रामजी मल्लाह विगत 13 जून की रात अपने घर सतना से थाईलैंड के लिए निकला था। युवक के पिता ने बताया कि 20 जून को उन्हें व्हाट्सएप पर संदेश मिला कि उनके बेटे को मलेशिया की एलोर सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया है। युवक के पिता ने बताया कि यह संदेश उन्हें एजेंट के माध्यम से मिला। उनका कहना था कि अंतिम बार 20 जून को उनकी बेटे से बात हुई थी तभी उसने बताया कि उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाद में अमित के पिता राम जी को वीजा कराने वाले एजेंट के मैसेज से इस बात का पता चला कि बेटा मलेशिया की एलोर सेंटर जेल में बंद है। पिता ने बताया कि ऐजेंट ने यह आश्वासन दिया था कि उनका बेटा 15 दिन में छूट जाएगा, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अमित की कोई जानकारी नहीं मिली।
भारतीय दूतावास से भी किया संपर्क
पिता ने बताया कि व्हाट्सएप की वाइस रिकार्डिंग सुनकर स्वजनों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद आनन-फानन में युवक के पिता रामजी मल्लाह ने वकील सुखेन्द्र पांडेय के ट्विटर के जरिए भारतीय दूतावास से संपर्क कर गुहार लगाई। रामजी के वकील सुखेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि उन्होंने 14 जुलाई को दूतावास को ट्वीट कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी थी। उन्हें 15 जुलाई को जल्द मदद का आश्वासन मिला। अगले दिन उन्हें आश्वस्त किया गया कि मदद के लिए मेल के जरिए काउंसलर उनसे संपर्क करेगा, लेकिन इसके बाद से बेटे की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
55 हजार रुपये में की थी व्यवस्था
पिता रामजी मल्लाह ने बताया कि वे मूलतः बिहार के रहने वाले हैं और सतना में रहकर मजदूरी करते हैं। उन्होंने मजदूरी कर बेटे को विदेश भेजने के लिए वीजा और पासपोर्ट तैयार कराया और उसके खर्च के लिए 55 हजार रुपयों की व्यवस्था की। उनका बेटा 13 जून को कोलकाता से स्पाइसजेट के विमान एसजी 742 में सीट नंबर- 23 ई से गया था और 14 जून को अमित बैंकाक पहुंच गया था। उन्हें आशा थी कि उनका बेटा विदेश में कुछ अच्छा कर पैसा कमाएगा, जिससे उनके परिवार की तंगी और माली हालत में कुछ सुधार आएगा।
दलाल बिहार का रहने वाला
युवक अमित मल्लाह के पिता रामजी मल्लाह ने बताया कि जिस एजेंट के माध्यम से उन्होंने अपने बेटे को थाईलैंड रोजगार के लिए भेजा था उसका नाम उत्तम कुमार है और वह भी बिहार के गोपालगंज क्षेत्र के मोहम्मदपुर का रहने वाला है था। एजेंट ने अमित के साथ ही एक अन्य युवक को भी थाईलैंड भेजा था, लेकिन दूसरा युवक कहां है उसकी जानकारी उनके पास नही है। पूरे मामले में पीड़ित पिता के अधिवक्ता सुखेंद्र पांडेय ने मानव तस्करी का आरोप लगाते हुए पुलिस से इस मामले में जांच की मांग की है।