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Satna: घर-घर जाकर होगी मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ मोतियाबिंद को खत्म करने के प्रधानमंत्री मोतियाबिंद मुक्त भारत अभियान में मोतियाबिंद होने की संभावना वाले 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों की स्क्रीनिंग घर-घर जाकर की जाये। जाँच के बाद मोतियाबिंद प्रभावितों का आॅपरेशन भी किया जाये। डायरेक्टर एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने अभियान की राज्य स्तरीय कार्यशाला और समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
डायरेक्टर एनएचएम ने कहा कि मोतियाबिंद को खत्म करना प्रधानमंत्री मोतियाबिंद मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य है। उन्होंने जिला कार्यक्रम प्रबंधक और नेत्र सर्जन से कहा कि दृष्टि सुरक्षित करने के इस अभियान की सघन माइक्रो प्लानिंग कर सर्जरी प्रोटोकॉल के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करें। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अंशुल उपाध्याय ने अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 वर्ष तक चलने वाले इस अभियान के लिये जिलों को दिये गये लक्ष्य के अनुसार कार्य सुनिश्चित करना है।

प्रदेशव्यापी पौध-रोपण महा-अभियान 28 जुलाई से 15 अगस्त तक

राज्य शासन द्वारा अंकुर कार्यक्रम में शासकीय विभागों, नागरिकों, समुदायों और स्वैछिक संगठनों की सहभागिता से हरियाली अमावस्या 28 जुलाई से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त तक प्रदेशव्यापी पौध-रोपण महा-अभियान चलाया जाएगा। अपर सचिव पर्यावरण एवं कार्यपालन संचालक एप्को श्रीमन शुक्ला द्वारा क्रियान्वयन के संबंध में सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
कलेक्टरों से कहा गया है कि अभियान के सफल संचालन के लिये पूर्व में संचालित महा-अभियान की तर्ज पर कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी स्टेक होल्डर्स को शामिल कर जिला स्तरीय समिति का गठन करें। समिति 28 जुलाई से 15 अगस्त तक पौध-रोपण अभियान का सतत् समन्वय, अनुश्रवण और मॉनिटरिंग करते हुए जन-भागीदारी सुनिश्चित करेगी। समिति द्वारा अंकुर कार्यक्रम की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी।
प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालय भवन, सार्वजनिक उपक्रम, औद्योगिक प्रतिष्ठान, निगम मंडल के कार्यालयों के प्रांगण में पौध-रोपण किया जा सकेगा। इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी, छात्रावास, पंचायत आदि के परिसरों के साथ उपलब्ध अन्य शासकीय एवं वन्य भूमि पर भी पौध-रोपण किया जा सकेगा।
कलेक्टरों से कहा गया है कि अपने जिले के अशासकीय संगठन, समुदाय आधारित संगठन और निजी संगठनों को अभियान से जोड़ते हुए उनके परिसरों और अन्य उपयुक्त स्थलों पर पौध-रोपण करवाएँ। पौधों की व्यवस्था संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा स्वयं की जायेगी। वन, उद्यानिकी और कृषि विभाग की नर्सरी में उपलब्ध पौधों का उपयोग प्रचलित नियमानुसार किया जाएगा। रोपित पौधों की सुरक्षा, सिंचाई एवं देखभाल की जिम्मेदारी पौध-रोपण करने वाले संबंधित व्यक्ति, संगठन अथवा शासकीय संस्था की होगी।

वायुदूत-अंकुर एप पर डाउनलोड होगी पौधे की फोटो

अभियान से जुड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किये गये पौध-रोपण का पंजीयन वायुदूत-अंकुर एप पर किया जाकर रोपित पौधों का फोटो अपलोड किया जाएगा। एप गूगल प्ले-स्टोर अथवा एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। प्रतिभागियों द्वारा पौध-रोपण के 30 दिन बाद वायुदूत-अंकुर एप पर रोपित पौधे की द्वितीय फोटो अपलोड करने पर सहभागिता प्रमाण-पत्र एप से डाउनलोड किया जा सकेगा।

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