सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बुधवार को उप संचालक कृषि कार्यालय सतना के प्रागंण से एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया भोपाल द्वारा प्रधानममंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिये प्रदाय किये गये रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रथ को जिले के सभी विकासखंडों के विभिन्न ग्रामों में भेजकर लोंगो के बीच प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रचार-प्रसार रथ के माध्यम से जिले के कृषक फसल बीमा योजना के प्रति जागरुक होंगे और योजना से जुड़कर लाभ ले सकेंगे। इस मौके उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास केसी अहिरवार, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया भोपाल के जिला स्तरीय अधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहें।
31 जुलाई तक किसान करा सकेंगे अधिसचित फसलों का बीमा
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास केसी अहिरवार ने बताया कि कृषक हित में संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2022 के लिये धान (सिंचित और असिंचित), तुअर (अरहर) एवं सोयाबीन फसल का 31 जुलाई तक करा सकते हैं। इस संबंध की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये नजदीकी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं में संपर्क कर सकते हैं।
उप संचालक ने बताया कि जिला स्तर पर उड़द व मूंग फसल, तहसील स्तर पर उचेहरा, कोठी, नागौद, बिरसिंहपुर, मैहर, रघुराजनगर क्षेत्र के लिये तिल एवं मझगंवा क्षेत्र के लिये ज्वार और तिल तथा पटवारी हल्का स्तर पर सोयाबीन, धान (सिंचित और असिंचित), तुअर (अरहर) को अधिसूचित फसल में शामिल किया गया है। जिले के लिये स्वीकृत विभिन्न फसलों के ऋणमान के आधार पर 2 प्रतिशत प्रीमियम दर देय होगी।
सभी तहसील कार्यालयों में ई-केवाईसी शिविर आज
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि सीधे हंस्तारित की जाती है। माह जुलाई 2022 उपरांत केवल उन्हीं किसानों के बैंक खाते में राशि अंतरित की जायेगी, जिनके द्वारा ई-केवायसी और बैंक खाते से आधार लिंक की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत जिस बैंक खाते में राशि हंस्तारित हो रही है, उसे बैंक खाते की ई-केवायसी और आधार लिंक की कार्यवाही पूरी करने तहसील स्तर पर जिले के सभी तहसीलों के तहसील कार्यालयों में 21 जुलाई को शिविर का आयोजन किया जायेगा।
महाविद्यालय में सीएलसी चौथे चरण के लिए आवेदन 30 जुलाई तक होंगे जमा
प्रदेश के महाविद्यालयों में सीएलसी के चौथे चरण के लिए विद्यार्थी 19 से 30 जुलाई तक एक से अधिक महाविद्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन के साथ कोई भी दस्तावेज संलग्न करना नहीं होंगे। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री दीपक सिंह ने बताया कि आवेदक विद्यार्थियों को सीएलसी चौथे चरण के लिए आवेदन का प्रारूप उच्च शिक्षा विभाग के ’नवीन निर्देश’ एवं एमपी ऑनलाइन के epravesh.mponline.gov.in पोर्टल पर उपलब्ध होगा। साथ ही सीएलसी की प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए नवीन आवेदकों को पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। पंजीकृत आवेदकों के लिए ऑनलाइन सत्यापन, त्रुटि सुधार आदि की सुविधा पोर्टल पर 19 से 30 जुलाई तक उपलब्ध रहेगी।
आयुक्त श्री सिंह ने बताया कि समस्त महाविद्यालय एक अगस्त को मेरिट लिस्ट तैयार कर महाविद्यालय की लॉगइन आईडी पर अपलोड तथा नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे। साथ ही ऑनलाइन शुल्क जमा करने के लिए लिंक भी इनिशिएट करेंगे। आवेदक विद्यार्थी 1 से 5 अगस्त तक शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर प्रवेश ले सकेंगे। उन्होंने सभी महाविद्यालयों को निर्धारित तिथि तक ऑनलाइन पंजीकृत विद्यार्थियों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के लिए 19 जून से 5 अगस्त तक यह प्रक्रिया संचालित की जायेगी।
पुलिसकर्मी विक्रम विवि में फोरेंसिक और पुलिस साइंस में ले सकेंगे प्रवेश
प्रदेश के पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए फोरेंसिक और पुलिस साइंस की पढ़ाई करने का सुनहरा मौका उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा दिया जा रहा है। इस संबंध में मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी पुलिस इकाइयों को पत्र भेजा जा चुका है।
विक्रम विश्वविद्यालय में बीए पुलिस साइंस और बीएससी एवं एमएससी फोरेंसिक साइंस पाठयक्रम के लिए प्रवेश जारी हैं। फोरेंसिक साइंस पाठयक्रम में अपराधों का शीर्ष विश्लेषण जैसे मनोविज्ञान निदान, कानून, न्याय, अपराध विज्ञान, गुणवत्ता विश्लेषण एवं नियंत्रण, डेटा विश्लेषण, जैव सूचना विज्ञान, शिक्षण, प्रयोगशाला प्रलेखन से संबंधित क्षेत्रों में प्रशिक्षण, अपराध के दृश्यों का विश्लेषण और उन्नत निदान तकनीकी शामिल है। साथ ही पाठ्यक्रम नवीन प्रशिक्षण के किट, उन्नत उपकरणों एवं उनका उपयोग कर अपराधी एवं उसके द्वारा किये गए अपराधों को साबित करने के लिए सबूतों की विभिन्न तरीके से जाँच जैसे फिंगरप्रिंट एवं डीएनए विश्लेषण, विष विज्ञान परीक्षण, लिखावट एवं अपराध के दृश्यों का विश्लेषण, अनुवांशिक संबंधों का विश्लेषण कर अपराध की प्रकृति एवं अपराधियों की पहचान कर उसे पकड़ने एवं फरियादी को उचित न्याय दिलाने में मदद करता है।