सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य शासन ने विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण के लिए नई योजना में सभी विभागों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके अनुसार शासन के किसी भी विभाग के स्वामित्व की गैर-आवासीय अचल परिसंपत्तियों तथा राज्य शासन के उपक्रम, मंडलों आदि से लीज अथवा किराए पर लिए गए गैर-आवासीय भवन विभागीय परिसंपत्तियों की श्रेणी में आएंगे। किसी निजी व्यक्ति, संस्थान से लीज अथवा किराए पर ली गई गैर आवासीय अचल संपत्तियाँ इसमें शामिल नहीं होंगी। यदि लीज अथवा किराए के अनुबंध में साधारण मरम्मत का दायित्व किराएदार का है तब ऐसी गैर-आवासीय अचल संपत्ति भी योजना में सम्मिलित रहेगी।
विभागीय परिसंपत्तियों की सामान्य मरम्मत एवं विशेष मरम्मत के संबंध में वित्त विभाग ने निर्देश जारी कर दिये हैं। सामान्य मरम्मत में छोटे एवं कम तकनीकी महत्व के कार्य तथा छत की साधारण मरम्मत, पुताई, पेंट-पुट्टी कार्य, विद्युत फिटिंग, प्लंबर कार्य, साधारण सेनिटरी फिटिंग, दरवाजा-खिड़की मरम्मत और भवन के फर्श की लघु मरम्मत का कार्य शामिल होंगे। विशेष मरम्मत के कार्यों में अधिक तकनीकी के महत्व के कार्य जैसे भवन की वृहद मरम्मत, छत की मरम्मत और भवन के फर्श का नवीनीकरण आदि शामिल होंगे।
विभागाध्यक्ष अपने प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन प्रत्येक भवन के लिए भवन प्रभारी नियुक्त करेंगे। संबंधित भवन में पदस्थ वरिष्ठ अथवा अपने अधीन किसी अन्य कार्यालय के वरिष्ठ कर्मी को भवन प्रभारी नियुक्त करेंगे। भवन प्रभारी राज्य शासन की किसी भी सेवा श्रेणी अर्थात नियमित, कार्यभारित, संविदा मानदेय आदि पर कार्यरत हो सकता है। विभागाध्यक्ष इन भवनों के अनुरक्षण कार्य के लिए कार्यालय/भवन स्तर की पर्यवेक्षण समिति गठन करने के लिए भी निर्देश जारी करेंगे।
गैर-आवासीय भवन के कुल निर्मित क्षेत्रफल के आधार पर साधारण मरम्मत के लिए 335 रुपये प्रति वर्ग मीटर की अधिकतम सीमा होगी। विभागाध्यक्ष अपने प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन प्रत्येक भवन के लिए उपर्युक्त सीमा को विचार में रखते हुए बजट आवंटन जारी करेंगे। यदि किसी भवन में विशेष मरम्मत की आवश्यकता है, इसके लिए अलग से आवंटन जारी करेंगे। साथ ही भवनों में मरम्मत की आवश्यकता को देखते हुए प्राथमिकता तय की जायेंगी।
विशेष मरम्मत के कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग की प्रचलित दर अनुसूची लागू होगी। सामान्य मरम्मत के कार्यों के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है। यदि विभाग में तकनीकी हमला नहीं है, तो विभागाध्यक्ष विशेष मरम्मत कार्य के लिए एजेंसी का निर्धारण कर सकेंगे।
फसल बीमा के लिये बैंकों को निर्देश जारी, फसल में परिवर्तन की सूचना 29 जुलाई तक दें बैंकों को
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्ष 2022-23 में खरीफ और रबी के लिये किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा कराने क्लस्टरवार निर्धारित बीमा कम्पनियों को कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं। किसानों द्वारा बोई गई फसल में परिवर्तन पर संबंधित बैंकों को 29 जुलाई तक अवगत कराना जरूरी है। किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने के लिये बैंकों द्वारा प्रीमियम नामे किये जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
अपर संचालक फसल बीमा ने बताया कि किसानों को बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 से दो दिन पहले 29 जुलाई तक संबंधित बैंक से सम्पर्क कर बोई गई वास्तविक फसल की जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगी।
एनसीआईपी पर भू-अभिलेख एकीकरण का कार्य जारी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2022 के लिये प्रदेश में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (एनसीआईपी) पर भू-अभिलेख के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है। पंजीयन के समय कृषक की भूमिधारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्रॉप-डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी। बीमाकर्ता (बैंकर्स, कॉमन सर्विस सेंटर और स्वयं कृषक) संगत खसरा नम्बर का चयन कर धारित भूमि का बीमा कर सकेगा।
बीमा पॉलिसी के लिये एनसीआईपी पर जानकारी दर्ज होना जरूरी
किसानों को समय पर सही पॉलिसी जारी करने के लिये नेशनल क्रॉप इंश्योरेस पोर्टल (एनसीआई) पर जानकारी दर्ज होना जरूरी है। बैंकों को निर्देश दिये गये हैं कि किसानों के बीमा पंजीयन के दौरान खसरा नम्बर तथा बीमित भूमि के क्षेत्रफल की सही-सही जानकारी पोर्टल पर दर्ज करें।