केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने की जल-शक्ति अभियान की ब्रीफिंग
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत सरकार के गृह मंत्रालय की डायरेक्टर रंजीता रश्मि ने कहा कि सतना जिले में अमृत सरोवरों में ली गई जन समुदाय की भागीदारी और तीव्र गति से काम पूरा करने का प्रयास निःसंदेह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जल संवर्धन-संरक्षण और भू-जल संवर्धन के क्षेत्र में जिले में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान में मध्यप्रदेश के पन्ना एवं सतना जिले की केंद्रीय नोडल अधिकारी 8 से 10 जुलाई तक सतना जिले के विभिन्न विकासखंडों के भ्रमण पर रहीं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में मौके पर जाकर जल संवर्धन और संरक्षण के किए गए एवं निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया तथा उपयोगकर्ता दल और आम जनता से फीडबैक लिया।
केंद्रीय नोडल अधिकारी रंजीता रश्मि ने कहा कि जिले में वाटर हार्वेस्टिंग, भू-जल संवर्धन के लिए किए गए नवाचार और इन कार्यों में ग्रामीण जनों की उत्साह पूर्वक भागीदारी अच्छे संकेत हैं। उन्होंने कहा कि वन प्रांतर एवं पहाड़ी क्षेत्रों में जहां पहुंचना मुश्किल है, वहां रिंज-टू-वैली का ध्यान रखते हुए कंटूर ट्रेंच, गैवियन बोल्डर चेक डैम की संरचनाएं बनाई गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक जिले को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 75-75 अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य दिए गए हैं। सतना जिले में 75 के लक्ष्य के विरुद्ध 106 अमृत सरोवर जन भागीदारी से बनाए जा रहे हैं। जिनमें समय से पूर्व 17 सरोवर पूरे कर लिए गए हैं और नवंबर 2022 तक सभी 106 सरोवर पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। यह जिले के लिए विशेष उपलब्धि है। पुष्कर धरोहर योजना में पुरानी टूटी-फूटी और अनुपयोगी संरचनाओं के पुनरुद्धार और संधारण के कार्य लिए जा रहे हैं। उन्हें भी बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कम पानी के उपयोग वाली फसलों के उत्पादन पर किसानों को केंद्रित किया जा रहा है।
केंद्रीय नोडल अधिकारी रंजीता रश्मि ने कहा कि वर्ष 2013 में जिले में पानी की उपलब्धता के हालात अच्छे नहीं थे। जिले में वाटर शेड एवं जल संरचनाओं के कंटूर ट्रेंच, बोल्डर, चेक डैम एवं ग्रामीण क्षेत्र के तालाबों, सरोवर, स्टाप डैम के कार्यों से जल स्तर में सुधार होने के साथ पर्यावरण के क्षेत्र में भी सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि सतना जिले में अब सभी विकासखंड पानी की दृष्टि से क्रिटिकल जोन से बाहर आ चुके हैं। सोहावल, मैहर, रामपुर बघेलान सेमी क्रिटिकल जोन में हैं। सभी विकासखंड अब सेफ जोन में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि सतना जिला केंद्र की वॉटर स्ट्रेस जिलों में शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि अमृत सरोवर के निर्माण में कम से कम 10 हजार घन मीटर पानी की संग्रहण क्षमता का ध्यान रखा जाता है। इस दौरान केंद्रीय टीम के हाइड्रोलॉजिस्ट वैज्ञानिक अनिल सिंह और एसडीओ सलिल सिंह भी उपस्थित रहे।
जिले में अब तक 131 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज
जिले में इस वर्ष 1 जून से 10 जुलाई 2022 तक 131 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 120.2 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 60.9 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 74.5 मि.मी., बिरसिंहपुर में 139 मि.मी., रामपुर बघेलान में 77 मि.मी., नागौद में 254 मि.मी., जसो (नागौद) में 113.3 मि.मी., उचेहरा में 200 मि.मी., मैहर में 138.5 मि.मी., अमरपाटन में 110 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 153.7 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 182.3 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।