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बांधवगढ़ में बाघिन के शिकारियों की जानकारी देने पर मिलेगा 25 हजार

Bandhavgarh Tiger Reserve: उमरिया/ बांधवगढ़ में पिछले महीने की 18 तारीख को हुई सोलो बाघिन 42 और उसके दो शावकों की संदिग्ध मौत के मामले में अब पार्क प्रबंधन ने इनाम की घोषणा कर दी है। वन विभाग ने शिकारियों को पकड़वाने वालों को 25000 का नगद इनाम देने की घोषणा की है। इससे स्पष्ट हो गया है कि अब पार्क प्रबंधन ने मान लिया है कि महामन में बाघिन 42 का शिकार हुआ था। यहां खास बात यह है कि शेष दो शावकों का भी अभी पता नहीं चल पा रहा है। इन दो शावकों की तलाश भी पार्क प्रबंधन लगातार कर रहा है पर उन्हें अभी तक तलाशा नहीं जा सका है।

निष्क्रिय विभाग

सोलो बाघिन की मौत ने वन्य प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया वही उसके दो शावकों का न मिलना कहीं न कहीं विभाग की निष्क्रियता की ओर संकेत कर रहा हैं। विभाग बाघिन की मौत और गायब हुए शावकों को लेकर मीडिया से लगातार दूरी बनाये हुए है, जबकि बांधवगढ़ क्षेत्र में लगे ईनामी पोस्टरों से साफ जाहिर है कि लगातार बांधवगढ़ के बाघों का शिकार हुआ है। विभाग ने कुछ दिन पहले धमोखर और परासी में ईनामी पोस्टर चिपकाये हैं, जिसमें शिकारियों की सूचना देने वालों को 25 हजार रुपये ईनाम की घोषणा की गई है, लेकिन समझ से परे यह है कि यही बात प्रबंधन के आला अधिकारी मीडिया के सामने रखने मे संकोच क्यों कर रहें है। मामला साफ है कि बाघों और वन्य जीवों की सुरक्षा नौसिखिये के हाथों मे है, जिससे लगातार वन्य जीवों का शिकार किया जा रहा है। अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नही कि बाघ स्टेट का दर्जा दिलाने वाला बांधवगढ़ कई और बाघों को खो दे।

वन मंत्री ने ली अधिकारियों की क्लास

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बांधवगढ़ में हुई बाघों की मौत के बाद बांधवगढ़ पहुंचे वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने अधिकारियों की बैठक लेकर बाघों की मौत का कारण पूछा। जिसके जबाव मे अधिकारी एक दूसरे की बगलें झांकते रहे। जिस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मंत्री ने सभी को चेता दिया है कि बांधवगढ़ के लिए यह बेहद शर्मनाक है कि करोड़ो रुपये सरकार द्वारा खर्च करने के बाद भी वन्य जीव सुरक्षित नही है। इन सभी मामलों की जांच कराई जायेगी और जो भी इसमें दोषी पाया गया उसके ऊपर कड़ा रुख सरकार अख्तियार करेगी।

कैसे हस्ताक्षेप कर रहा बाहरी व्यक्ति : वनमंत्री

बांधवगढ़ मे हुई बाघों की मौत मामले मे समीक्षा करने पहुंचे वन मंत्री विजय शाह से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कोई बाहरी व्यक्ति किस हैसियत से पार्क के हर कार्य मे अपनी सहभागिता निभा रहा है? उल्लेखनीय है कि पार्क की हर गतिविधियों मे अपनी भुमिका बनाये रखने वाले एक सप्लायर को लेकर पहले भी प्रबंधन को आगाह किया गया था। पार्क कई वस्तुएं सप्लाई करने वाला व्यक्ति अब मृत वन्य जीवों के पोस्टमार्टम मे भी अपनी हाजिरी लगा रहा है। जिसके कारण प्रबंधन की गोपनियता पर हजारों सवाल उठने लगे है। बहरहाल वन मंत्री के द्वारा दिये गये जांच आदेश पर कहां और किस-किस पर कार्रवाही की तलवार लटकती है यह देखना बाकी होगा।

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