सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ त्रि-स्तरीय पंचायत के आम निर्वाचन वर्ष 2022 के प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण के लिए नाम निर्देशन-पत्र भरने की प्रक्रिया 30 मई 2022 से प्रारंभ होकर 6 जून तक जारी रहेगी। जिला पंचायत सदस्य पद हेतु नाम निर्देशन पत्र कलेक्ट्रेट सतना में रिटर्निंग आफीसर एवं सहायक रिटर्निंग आफीसर के समक्ष में जमा किये जा सकेंगे। सहायक रिटर्निंग ऑफीसर्स ने बताया कि निर्वाचन की अधिसूचना जारी करने के बाद द्वितीय दिवस मंगलवार को 23 नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त हुये हैं।
जनपद सदस्य हेतु सबंधित जनपद पंचायत मुख्यालय पर और सरपंच एवं पंच हेतु संबंधित जनपद में बनाये गये कलस्टर में नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेगे। अधिसूचना जारी होने के बाद 191 जनपद पंचायत सदस्य, 695 ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं 11826 पंच पद के लिये भी नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। सतना जिले में त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 में नामांकन दाखिल के दूसरे दिन पंच पद के लिये 7, सरपंच पद के लिये 13, जनपद सदस्य के लिये 3 नाम-निर्देशन पत्र दाखिल हुये हैं। जबकि जिला पंचायत सदस्य के लिये एक भी नामांकन प्राप्त नहीं हुये हैं।
सहायक रिटर्निंग ऑफीसर्स से प्राप्त जानकारी अनुसार जनपद पंचायत मझगवां अंतर्गत पंच और सरपंच पद के लिये एक-एक नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त हुआ है। सोहावल जनपद पंचायत में पंच के लिये 2 और सरपंच के लिये 3, नागौद जनपद पंचायत में पंच के लिये 1 और सरपंच के लिये 5, उचेहरा अंतर्गत पंच के लिये 1, सरपंच के लिये 3 और जनपद पंचायत सदस्य के लिये 1, अमरपाटन अंतर्गत पंच, सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य के लिये एक-एक, तथा रामपुर बघेलान जनपद पंचायत अंतर्गत पंच और जनपद पंचायत सदस्य के लिये एक-एक नाम-निर्देशन पत्र प्राप्त हुये हैं।
नगरीय निकाय एवं पंचायत निर्वाचन की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मतदान दिवस के पूर्व तथा मतदान के दिन एवं मतगणना दिवस को प्रचार-प्रसार के दौरान आचार संहिता से संबंधित प्रावधानों के पालन की निगरानी और अन्य कानून व्यवस्था संबंधी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराई जाए।
वीडियोग्राफी नाम निर्देशन-पत्र लिये जाने के दौरान, विशेषकर नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने के अंतिम दिन, नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा, नाम वापसी तथा प्रतीक आवंटन के दौरान, अभ्यर्थियों द्वारा किये जाने वाले प्रचार-प्रसार जैसे मंत्रियों, राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के वरिष्ठ राजनेताओं की सभा के दौरान, प्रचार-प्रसार के अन्तिम दिवस को, रैली, जुलूस आदि के दौरान, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें प्राप्त होने पर जाँच के दौरान, राजनीतिक सभाओं में व्यवधान उत्पन्न करने वाली घटनाएँ, मतदाताओं को धमकाने, डराने संबंधी शिकायतें, मतदाताओं को प्रलोभन संबंधी शिकायतें, जैसे- पैसा, साड़ी, धोती, कम्बल इत्यादि का वितरण, ई.व्ही.एम. की तैयारी तथा रेण्डमाइजेशन के दौरान, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों, जैसे महापौर/अध्यक्ष एवं पार्षद पद के अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार-प्रसार पर एवं अन्य खर्चों की निगरानी के लिए, मतदान दिवस पर अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर, सामग्री एवं मशीनों का वितरण एवं प्राप्ति के समय, मतगणना के दौरान, परिणाम की घोषणा एवं डी.एम.एम. की सीलिंग के दौरान, स्ट्रांग रूम के खुलने एवं बंद होने के दौरान और अन्य अवसरों तथा घटनाओं की वीडियोग्राफी, जिसे आवश्यक समझा जाए, जरूर कराएँ।
पहली बार होगा पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान
आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग बसंत प्रताप सिंह ने जानकारी दी है कि नगरीय निकाय निर्वाचन में पहली बार पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा का प्रावधान किया गया है। इसके पहले महापौर एवं अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के व्यय लेखा का संधारण किया जाता था। रिटर्निग आफीसर कार्यालय में निर्वाचन व्यय लेखा संधारण पर्यवेक्षण के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा, नगर पालिक निगम में जनगणना 2011 के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या पर 8 लाख 75 हजार और 10 लाख से कम जनसंख्या पर 3 लाख 75 हजार होगी।
इसी तरह नगर पालिका परिषदों में एक लाख से अधिक जनसंख्या पर 2 लाख 50 हजार, 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर एक लाख 50 हजार और 50 हजार से कम जनसंख्या पर पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिक व्यय सीमा एक लाख रूपये होगी। नगर परिषदों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 हजार रूपये होगी।
महापौर
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों में 35 लाख और 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों में महापौर पद के अभ्यार्थियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 15 लाख रूपये निर्धारित है।
बिजली बिल बकाया नहीं होने का देना होगा अदेय प्रमाण-पत्र
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि राज्य स्तरीय पंचायत निर्वाचन के तहत जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और पंच पद के अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ, बिजली बिल बकाया नहीं होने और जिला तथा जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत में बकाया नहीं होने के संबंध में अदेय प्रमाण-पत्र देना होगा। आरक्षित वर्ग का सदस्य होने की दशा में मध्यप्रदेश शासन के सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र भी देना होगा। यह जानकारी संवीक्षा की नियत तारीख एवं समय के पहले देना जरूरी है।
अभ्यर्थियों को आपराधिक रिकार्ड, आपत्तियों, दायित्वों और शैक्षणिक योग्यता के संबंध में भी शपथ-पत्र/घोषणा-पत्र देना होगा। जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य और सरपंच पद के अभ्यर्थियों को शपथ-पत्र में स्वयं, पति/पत्नी और आश्रितों की आयकर विवरणी में दर्शित कुल आय, चल-अचल संपत्ति का विवरण, सार्वजनिक एवं वित्तीय संस्थाओं और सरकार के प्रति देनदारियों का ब्यौरा देना होगा। अभ्यर्थी को पंचायत तथा किसी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और शौचालय के संबंध में भी शपथ-पत्र देना होगा।