High court said misdeed victim knew the consequences of making physical relationship so abortion is not allowed: digi desk/BHN/ग्वालियर/हाई कोर्ट की एकल पीठ ने गर्भपात की अनुमति के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पीड़िता बालिग है। वह आरोपित के साथ बनाए शारीरिक संबंध के परिणाम जानती थी। वह आरोपित के साथ अपनी सहमति से भाग भी चुकी है, इसलिए गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती।
हाई कोर्ट में दुुष्कर्म पीड़िता ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि मुकेंद्र राजपूत ने शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया है, मैं गर्भवती हो गई हूं। इसको लेकर हजीरा थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है। इस बच्चे को वह जन्म देना नहीं चाहती है, इसलिए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए। याचिका के साथ एफआइआर भी संलग्न की गई। कोर्ट ने याचिका के तथ्यों को परखा और पाया कि पीड़िता बिना बताए घर से चल गई थी, वह मुकेंद्र के साथ रही। उसकी मां ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने आरोपित के साथ संबंध बनाने में सहमति थी या नहीं। यह ट्रायल का विषय है, लेकिन वह बालिग थी।