सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मारूति नगर सतना में कृष्णा कुंज में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में आज द्वितीय दिवस की कथा कहते हुए कथा व्यास आचार्य शम्भु शरण महाराज जी ने कथा पंडाल में उपस्थित जनमानस को बड़े सरल शब्दों में हृदय की शुध्दता का सरल साधन बताया। शरीर की सफाई तो संसार मे उपस्थित साधन के द्वारा की जा सकती है परन्तु मन की पवित्रता सिर्फ और सिर्फ श्रीमद्भागवत की कथा से से पाई जा सकती है। जब हम समर्पण और श्रद्धा से भगवान की शरण आते हैं तो भगवान अपने लोक बैकुंठ को छोड़कर भक्ति से ओतप्रोत भक्त के हृदय में आकर बैठ जाते हैं।
महाराज जी ने शुकदेव जन्म और परीक्षित जी को सात दिन में तक्षक नाग के द्वारा मृत्यु प्राप्त होने के पूर्व मानव के कौन से कर्म है इसकी बड़ी ही दिव्य कथा कहकर उपस्थित पंडाल को मंत्रमुग्ध कर दिया।भगवान के चौबीस प्रमुख अवतार कौन-कौन से हैं,इस कथा को भी भक्तों ने बहुत ही भाव से सुना और प्रयागराज से पधारे महराज जी की ओजमयी वाणी की भूरि-भूरि प्रसंशा करते हुए प्रसाद लेकर अपने घर की ओर प्रस्थान किया।
आज की पावन कथा को सुनने के लिए शिव प्रसाद पांडेय, मनोज दुबे, मुचकुंद पांडे,बृजेश शुक्ला,गौरीशंकर पांडे, बाबूलाल मिश्रा, संजय शुक्ला सहित सैकड़ों भक्तों व मातृशक्ति की उपस्थिति रही l