सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों से नरवाई नहीं जलाने की अपील निरन्तर की जा रही है। इसके पश्चात भी किसानों द्वारा नरवाई जलाएं जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है। प्रदेश में अब नरवाई जलाने की घटनाओं की निगरानी सेटेलाइट के माध्यम से सीधे की जा रही है। जिसकी जानकारी भी ई-मेल तथा व्हाटसएप के माध्यम से जिलों को प्राप्त हो रही है। कृषक नरवाई में आग लगाते हैं तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। पर्यावरण विभाग के नोटिफिकेशन तथा से पर्यावरण सुरक्षा के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अंतर्गत फसलों की कटाई के उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है।
जिले में फसलों की कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर का चलन व्यापक रूप से होता है। कम्बाईन हार्वेस्टर से कटाई के उपरांत फसल अवशेषों में आग लगाने की घटनाओं को देखते हुए, रबी की कटाई में कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम को लगाने की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई है। यदि कृषक स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग नहीं करते है, तो उन्हें स्ट्रारीपर का उपयोग कर के फसल अवशेषों से भूसा प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके उपरांत भी यदि कृषक नरवाई में आग लगाते हैं तो उनके विरूद्ध पर्यावरण विभाग द्वारा नोटिफिकेशन अनुसार नरवाई में आग लगाने की घटनाओं को प्रतिवंधित करके दण्ड अधिरोपित करने का प्रावधान है।
आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना में पशुपालकों को मिला 95 करोड़ का अनुदान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पशुपालन विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में आरंभ की गई आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना में अब तक लगभग साढ़े सात हजार पशुपालकों को 95 करोड़ रूपये का अनुदान मिल चुका है। इससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार और पशुपालन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास के साथ स्व-रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में आशातीत उपलब्धि हासिल हुई है।
संचालक पशुपालन एवं डेयरी ने बताया कि योजना में वर्ष 2022-23 में लगभग 350 हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 8 करोड़ 20 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी वर्ग के पशुपालकों में अत्यंत लोकप्रिय है। योजना की सफलता और पशुपालकों में इसकी माँग को देखते हुए विभाग द्वारा इसकी विस्तारित करने पर विचार किया जा रहा है।
दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के उदद्देश्य से आरंभ योजना में सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को अधिकतम 1.50 लाख रूपये और अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 2 लाख रूपये तक की अनुदान राशि दी जाती है। साथ ही हितग्राही द्वारा लिए गए बैंक ऋण पर अधिकतम राशि 25 हजार रूपये ब्याज अनुदान भी प्रदाय किया जाता है। पशुपालक अपनी निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में आवेदन प्रस्तुत कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विवाह करने पर ही हितलाभ मिलेगा
मध्यप्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की विवाह सहायता योजना में हितग्राहियों को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर विवाह करने पर हितलाभ मिलता है। हितग्राहियों को योजना के प्रावधान अनुसार हितलाभ से लाभान्वित किया जाता है।
सहायक श्रमपदाधिकारी सतना ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार से विवाह करने पर मंडल विवाह सहायता योजना अंतर्गत हितलाभ की पात्रता नहीं होगी। यह प्रावधान 15 अप्रैल 2022 से लागू हैं।
ग्रामीण विकास राज्यमंत्री नागौद आयेंगे
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल 28 अप्रैल को शहडोल से प्रस्थान कर सायं 4ः30 बजे नागौद पहुंचकर स्थानीय कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। इसके उपरांत सायं 6 बजे नागौद से अमरपाटन के लिये प्रस्थान करेंगे।