“खुशियों की दास्तां”
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ शासकीय पीजी कालेज सतना मे स्नातक तृतीय वर्ष मे पढ़ने वाली छात्रा आस्था शुक्ला की वार्षिक शिक्षण शुल्क माफ कर दी गई है। पिता की मृत्यु कोरोना से होने के फलस्वरूप आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से आस्था ने कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत कर मदद करने का आग्रह किया था।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने लाडली बिटिया के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक कार्यवाही करते हुए आस्था की 14 हजार रुपए की वार्षिक महाविद्यालय की शुल्क महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति से 10 हजार रुपए और अटल बाल योजना से 4 हजार रुपए की राशि जमा कराई है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना की छात्रा आस्था शुक्ला ने आवेदन में बताया कि 12 मई 2021 को उनके पिता स्वर्गीय मनोज शुक्ला का देहांत हो गया था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण तृतीय वर्ष की महाविद्यालयीन फीस जमा करने के लिये 14 हजार रुपये की आवश्यकता है।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कि छात्रा आस्था शुक्ला की महाविद्यालयीन फीस 10 हजार रुपये की राशि जनभागीदारी शुल्क से एवं 4 हजार रुपये की राशि का भुगतान कोविड सहायता के लिये बनाये गये अटल बाल मित्र मद से किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। अब आस्था शुक्ला महाविद्यालय की अपनी आगे की पढ़ाई बिना रुकावट जारी रख सकेंगी।
जनसुनवाई में ट्राईसिकिल पाकर खिल उठे दिव्यांग पूरनलाल और जगपत के चेहरे
कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित जनसुनवाई जिले के विभिन्न स्थानों से अपनी समस्या लेकर आने वाले आवेदकों के लिये वरदान साबित हो रही है। तहसील उचेहरा के ग्राम महाराजपुर निवासी दिव्यांग पूरनलाल कोल और सतना नगर के शेरगंज नई बस्ती निवासी जगपत अहिरवार मंगलवार को अपनी समस्या लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। दोनो दिव्यांगो ने जनसुनवाई में कलेक्टर अनुराग वर्मा को समस्या सुनाते हुये ट्राईसिकिल की मांग की। कलेक्टर ने दिव्यांगों की समस्यों को गंभीरता से लिया। उन्होने उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण सौरभ सिंह को तत्काल दोनो दिव्यांगों को ट्राईसिकिल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री वर्मा के निर्देश पर उप संचालक श्री सिंह द्वारा पूरनलाल और जगपत को मौके पर ही ट्राईसिकिल उपलब्ध कराई गई।
ट्राईसिकिल पाकर पूरनलाल और जगपत बेहद खुश हुये। उन्होने ने जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को आभार जताया। पूरनलाल और जगपत का कहना है कि पैरो से दिव्यांग होने के कारण उन्हें आवागमन करने तथा दैनिक दिनचर्या के कार्यों में बेहद परेशानी होती थी। अब ट्राईसिकिल मिल जाने से परेशानियों से मुक्ति मिल जाने के साथ ही जीवन आसान हो गया है।
जनसुनवाई में कान की मशीन पाकर खिलखिला उठे 88 वर्षीय रहमत खां
मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई में उचेहरा वार्ड क्रमांक 4 निवासी 88 वर्षीय रहमत खां भी अपनी समस्या लेकर पहुंचे। रहमत ने कलेक्टर अनुराग वर्मा को बताया कि उन्हें सुनाई नहीं देता है। जिसके कारण वे बेहद परेशान रहते हैं। वे अपनी बात किसी के सामने प्रगट तो कर लेते हैं, लेकिन सुनाई न देने की वजह से उन्हें सामने वाले की प्रतिक्रिया का आभास बिल्कुल नहीं हो पाता। कलेक्टर श्री वर्मा ने रहमत खां की समस्या पर तत्परता दिखाते हुये उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण सौरभ सिंह को कान की मशीन उपलब्घ कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर के निर्देश पर श्री सिंह ने जनसुनवाई में ही रहमत खां को कान की मशीन उपलब्ध कराई। कान में मशीन लगते ही दूसरों की आवाज सुनकर रहमत खां खुशी से खिलखिला उठे। उन्होनें कलेक्टर अनुराग वर्मा सहित जिला प्रशासन को दिल से दुआयें कहा कि रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस दौरान महज एक छोटे से आवेदन पर जिला प्रशासन ने जिस तत्परता से उनकी समस्या का निदान किया है, वह काबिल-ए-तारीफ है।