Acute encephalitis syndrome 2 children dies in muzaffarpur from chamki fever govt issued alert: digi desk/BHN/पटना/ बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवाओं को अलर्ट पर रखा है। इसके अलावा नीतीश कुमार सरकार ने 12 जिलों में प्रत्येक पंचायत के साथ एक ऑटो-रिक्सा को जोड़ने की व्यवस्था भी बढ़ा दी है। जिससे एईएस से पीड़ित बच्चों को नजदीकी अस्पताल तक आसानी से पहुंचाया जा सके। बता दें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में चमकी बुखार (Chamki Bukhar) कहा जाता है।
अब तक 18 मामले सामने आए
अब तक 18 चमकी बुखार के मामले सामने आए हैं। जबकि मुजफ्फरपुर में दो बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मंच गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार सतर्क है और स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एईएस के केस आमतौर पर गर्मी में सामने आते हैं, डॉक्टर्स अलर्ट मोड पर हैं।
प्रत्येक पंचायत के साथ ऑटो-रिक्शा जोड़ा
अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) विनय कुमार शर्मा ने कहा कि हम चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के परिवार को परिवहन लागत के रूप में 400 से 1,000 रुपए देंगे। ताकि उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में पहुंचने में आसानी हो। शर्मा ने कहा, ‘हमनें इसके लिए प्रत्येक पंचायत के साथ एक ऑटो-रिक्शा जोड़ा है। इसे निकटतम सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ मैप किया है।’
यहां आते हैं चमकी बुखार से सर्वाधिक केस
चमकी बुखार आमतौर पर हर साल मार्च से अगस्त के बीच मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा और आसपास के अन्य जिलों में दिखाई देता है। चिकिस्ता विशेषज्ञों का मानना है कि इन जिलों में उच्च आर्द्रता और तापमान के कारण 10 साल तक के बच्चों में बुखार फैलता है।
चमकी बुखार के लक्षण
- तेज बुखार
- सिर दर्द
- उल्टी
- भ्रम
- भटकाम
- बात करने में असमर्थता
- बेहोशी
- बदन में ऐंठन
बुखार से बचाव के तरीके
- बच्चों को उन जगहों पर नहीं जाने दें, जहां सुअर रहते हैं।
- खाने से पहले और बाद में हाथों को साबुन से अच्छे से धुलवाएं।
- बच्चों के नाखून बढ़ने न दें।
- बच्चों को हेल्दी खाना खिलाएं।
- बच्चों को तरल पदार्थ देते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।