सतना/चित्रकूट, भास्कर हिंदी न्यूज़/ दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों पर चित्रकूट में 15 से 17 अप्रैल तक प्रथम त्रिदिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन दीनदयाल परिसर के विवेकानंद सभागार में आयोजित किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन शुक्रवार को केंद्रीय कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं मध्यप्रदेश सरकार की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी। इस सम्मेलन में तीनों दिन कई देशों के राजदूत एवं रिसर्च स्कालर भी सहभागी बनेंगे। व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा एवं पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह एवं चित्रकूट जिले के मुख्य विकास अधिकारी अमित आसेरी ने कार्यक्रम स्थल डीआरआइ के विवेकानंद सभागार में पहुंचकर मंचीय व्यवस्था एवं प्रदर्शनी स्थल का अवलोकन किया। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन एवं कोषाध्यक्ष वसंत पंडित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
Satna: चित्रकूट में पहला त्रिदिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार से
दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ एवं उप महाप्रबंधक डा अनिल जायसवाल ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने सबके लिए धारणीय विकास पाने के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं, इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक का एक एजेंडा तय किया है। वर्ष 2015 और उससे पूर्व से भी दुनिया भर की विभिन्न सरकारें, निजी क्षेत्र एवं सिविल सोसाइटी के विभिन्न संगठन इन लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि सुझाव एवं हस्तक्षेप स्थानीय समाधान ही प्रस्तुत कर सके। इन समाधानों को प्रस्तुत करने वालों, इनके लाभग्राहियों एवं कार्यान्वयनकर्ताओं को इन पर विचार-विनिमय हेतु कोई साझा मंच नहीं रहा है। आज एक ऐसे मंच की आवश्यकता है जहां सतत् विकास के अनुकरणीय, मापनीय, धारणीय नमूनों पर हितग्राहियों, सामुदायिक संगठनों, सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के बीच विचार-विनिमय हो। ऐसे समाधानों, हस्तक्षेपों के सर्वोत्तम प्रारूप विकसित किए जाएं जो स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समान रूप से अनुपालनीय हों।
इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में इन धारणीय लक्ष्यों को पाने हेतु उपलब्ध अनुकरणीय समाधानों को प्रस्तुत किया जाएगा तथा लक्ष्य 1 से 8 को पाने हेतु आवश्यक मापनीय, धारणीय एवं अनुकरणीय समाधानों एवं हस्तक्षेपों के बैंक, संग्रहालय को बनाने हेतु मंच प्रस्तुत किया जाएगा। यह उन सब सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों हेतु समान रूप से उपयोगी होगा जो इन लक्ष्यों की प्राप्ति के कार्य में संलग्न हैं अथवा भविष्य में करना चाहते हैं।