रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ विंध्य की पावन पुनीत बसामन मामा की धरा के निकट पुर्वा गांव में बसामन मामा के पंडा बाबा स्वर्गीय दिलभरन त्रिपाठी की स्मृति में निज निवास में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक आयोजित मोक्षप्रदायक पापविनाशक अमृतमयी संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री श्री सत्यांशु जी महाराज श्रीधाम माधव आश्रम वृंदावन के प्रकांड विद्वान ने कथा प्रसंगों का वर्णन किया। इस बीच कथा का श्रवण पान करने के लिए भारी संख्या में भक्त श्रद्धालुगण उपस्थित हुए।
भागवत कथा में जिन जिन कथा प्रसंगों का वर्णन और परायण हुआ उसमे जड़ भरत का चरित्र, नारायण कवच का उपदेश, प्रहलाद चरित्र, वृत्तासुर की उत्पति प्रह्लाद चरित्र, भक्ति के लिए प्रेम ही सर्वोपरि, दुख में भी भगवान का उपकार मानो, प्रह्लाद द्वारा नरसिंह भगवान की स्तुति, परमात्मा की सेवा और स्मरण, संत सदा सत्य बोलते हैं आदि प्रसंग प्रमुखता से सम्मिलित रहे।
भागवत कथा में पूजा कराने के लिए परायणकर्ता प्रकाश मिश्रा व पंडित शेषमणि गौतम व उनके साथ अन्य आचार्य रहे।
पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गयी। इसके बाद कथावाचक ने प्रह्लाद चरित्र कथा का रसास्वादन भक्तों को कराया। उन्होंने कहा कि भारत देव भूमि है। यहां किसी भी मानव का जन्म अपना कल्याण कर लेने यानी जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुटकारा पाने के लिए होता है। लेकिन, माया के वश में आकर हम सब अपना मूल कार्य को भूल कर संसारिक भोग-विलासादि में फंस जाते हैं। जिसके कारण परेशानी होती है। कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत में प्रह्लाद व ध्रुव का चरित्र युवाओं को अपनाने के लिए एक अदभूत प्रकरण है। प्रह्लाद जी ने अपने साथियों से कहा कि युवावस्था में ही अपना कल्याण का मार्ग पकड़ लेना चाहिए।
उन्होंने भक्त ध्रुव और प्रहलाद की कथा के वृतांत सुनाते हुए कहा कि भक्त पर संकट आने पर भगवान भक्त की रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं। भक्त के प्रति भगवान का स्नेह अपार होता है और भक्त पर ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। उन्होंने कहा कि जब भक्त प्रहलाद पर पिता हिरण्यकश्यप द्वारा प्रताड़ित किया गया तो आखिर में भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे से नृसिंह भगवान का अवतार लिया और धरती पर हिरण्यकश्यप के बढ़ते पाप, अत्याचार को मिटाने के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया। कथा के बीच बीच भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और भावविभोर होकर नाचने लगे। कथा में मनभरन त्रिपाठी, पुरुषोत्तम शर्मा पूर्व जनपद अध्यक्ष सिरमौर, कुलदीप द्विवेदी, राजेश शर्मा, लल्लू त्रिपाठी, अशोक द्विवेदी सरपंच, दीपक शर्मा, जगदीश तिवारी, संतोष मिश्रा, राजेंद्र धतुरहा, कामता गौतम, भागवत द्विवेदी,आयोजक आशीष त्रिपाठी सहित अन्य पुरुष व महिला श्रद्धालु मौजूद थे।