छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ इस वर्ष मार्च माह मंें ही तापमान में लगातार इजाफा होने से लोग गर्मी से बेहाल होने लगे हैं। पारा कई दिनों से 36-39 डिग्री के बीच बना है। शनिवार को अधिकतम तापमान 38.4 डिसे दर्ज किया गया है। घर से निकलने वालों के लिए चिलचिलाती धूप पीड़ादायी बनी रही।मई-जून जैसी गर्मी मार्च के अंतिम सप्ताह में पड़ने से इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि इस बार गर्मी अपने पिछले रिकार्ड तोड़ेगी।
इस बार मार्च के महीने में ही गर्मी के तेवर मई-जून के महीनों की याद दिलाने लगे हैं। तापमान का पिछले एक सप्ताह का रिकार्ड देखा जाए तो 20 मार्च को अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस था, जो 21 मार्च को 39 तक जा पहुंचा। शनिवार को भी पारा 38 डिग्री को छू गया वहीं न्यूनतम तापमान 17 डिसे दर्ज किया गया है। धूप की तेजी व गर्म हवाओं से लोगों को गर्मी का अधिक एहसास हुआ है। वहीं दोपहर के समय सड़कों पर सन्नााटा पसरा रहा। शनिवार को दोपहर के समय चिलचिलाती धूप ने भले ही लोगों की परेशानी बढ़ा दी हो पर लू न चलने से कुछ राहत भी रही। मौसम विभाग के मुताबिक तेजी से बढ़ते तापमान के कारण अनुमान है कि इस बार मई माह में ही अधिकतम तापमान 48 डिसे को पार कर जाएगा।
बच्चों के लिए हानिकारक है धूप-गर्मी
एक तरफ तेजी से गर्मी बढ़ रही है वहीं स्कूलों में 1 अप्रेल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है। तब बच्चे गर्मी में भी नियमित रूप से स्कूल जाने लगेंगे। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने व पारा चढ़ने से सभी की परेशानी बढ़ना तय है। ऐसे में बच्चे सुबह स्कूल जाकर दोपहर करीब 12 बजे घर लौटेंगे और दोपहर की शिफ्ट वाले बच्चे साढ़े 11 बजे स्कूल जाकर पूरे दिन स्कूल में रहकर शाम करीब 4 बजे लू व गर्मी में घर लौटेंगे। इस आवाजाही में डर इस बात का है कि कहीं बच्चों के स्वास्थ्य पर धूप व गर्मी भारी न पड़ने लगे। डा. आरके धमनया का कहना है कि बच्चों को धूप व गर्मी से बचान बेहद जरूरी है नहीं तो उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।