- मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 2 लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में
- 331 करोड रुपए की छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से की अंतरित
सतना/भोपाल/ भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन विद्यार्थियों में टैलेंट है, जो पढ़ाई में अच्छे हैं और प्रतिभा सम्पन्न हैं, वे पैसे की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को पढ़ाई के हर स्तर पर मदद करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं। संबल योजना भी इसी उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे हमारे गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपना सपना साकार कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान दो लाख 40 हजार विद्यार्थियों के खातों में 331 करोड़ रुपए की पिछड़ा वर्ग पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति सिंगल क्लिक से अंतरित करने के बाद विद्यार्थियों से वर्चुअली संवाद कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री राम खेलावन पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मण्डला, सीहोर, उज्जैन, देवास और सीधी के विद्यार्थियों से वर्चुअली संवाद किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों को होली और रंगपंचमी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि भविष्य के प्रति सकारात्मक रहना और अपने लक्ष्य के प्रति उत्साह से प्रयास करने से ही सफलता प्राप्त होती है। यह वास्तविकता है कि किसानों की आय इतनी अधिक नहीं होती कि वे पढ़ाई-लिखाई पर अधिक खर्च कर सकें। मजदूर परिवारों से आए बच्चों के सम्मुख भी यह समस्या है। आप मेहनत करें, लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें, राज्य सरकार आपका साथ देगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष 703 करोड़ रुपये स्कॉलरशिप के रूप में दिये जायेंगे। कोरोना काल में व्यवस्था प्रभावित हुई थी, लेकिन अब विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति की राशि प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान से वर्चुअल संवाद में पीएचडी कर व्याख्याता बनने की इच्छुक एम.ए. अर्थशास्त्र की सीधी जिले की छात्रा सुश्री सोनिका यादव ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के परिणाम स्वरूप ही हम यहाँ तक पढ़ाई कर पाए हैं। सीहोर जिले के बुधनी में लकड़ी के खिलौने बनाने वाले सुजान विश्वकर्मा के पुत्र शुभम विश्वकर्मा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) कोलकाता से एमबीए कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा उनकी 11 लाख 54 हजार 500 रूपए की फीस का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से संवाद में शुभम के पिता सुजान विश्वकर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की सहायता के बिना शुभम का यह सपना साकार नहीं हो पाता।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहे देवास के अभिषेक विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पिता मजदूर हैं। राज्य शासन से प्राप्त छात्रवृत्ति के भरोसे ही उनकी बी.ई करने की योजना है। उज्जैन की सुश्री पल्लवी बैरागी बी.एस.सी. सांख्यिकी की छात्रा हैं। वे यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुश्री पल्लवी से कहा कि जो लक्ष्य तय कर समर्पित भाव से मेहनत करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। मंडला जिले के किसान परिवार की सुश्री अंजलि यादव नर्सिंग का कोर्स कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुश्री अंजलि को इस सेवाभाव के कार्य में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा बड़ा संकल्प है। खूब सेवा करें और यशस्वी हों।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग प्रतिवर्ष लगभग 6 लाख से अधिक विद्यार्थियों को पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण करता है। यह छात्रवृत्ति, स्नातक, स्नातकोत्तर, तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दी जाती है। छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के एकल बैंक खातों में जारी की जाती है। जिन विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 3 लाख रूपये से कम है, वे छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं। साथ ही लगभग 32 लाख से अधिक बच्चों को प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति का वितरण स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से किया जाता है।
शासन द्वारा जन अभियान परिषद स्वैच्छिक क्षेत्र हेतु नोडल एजेन्सी घोषित
शासन द्वारा संचालित बी.एस.डब्ल्यू में प्रवेश की अंतिम तिथि 30 मार्च
प्रदेश के सभी स्वयंसेवी संगठन को अब जन अभियान परिषद में अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना वो अन्य विभागों के साथ किसी भी जनभागीदारी परियोजना का लाभ नहीं ले सकेगे। उक्त बाते जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक प्रवीण पाठक द्वारा स्वयंसेवी संगठनों की रामपुर बघेलान में आयोजित कार्यशाला में कही गयी। आयोजित कार्यशाला में एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि सहित प्रस्फुटन समितियों के पदाधिकारियों के साथ जिला समन्वयक डॉ राजेश तिवारी, जनपद सी.ईओ अशोक कुमार तिवारी, विकासखण्ड समन्वयक ममता सिंह उपस्थित रहीं।
संभागीय समन्वयक श्री पाठक ने बताया कि सभी स्वयंसेवी संस्थाओं एवं ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों को संस्थाओं के पंजीयन हेतु आवश्यक निर्देश दिये जा चुके हैं। और इसी पंजीयन के आधार पर भविष्य में संस्थाओं को शासन की गतिविधियों से जोड़ा जा सकेगा। सतना जिले के जिला समन्वयक डॉ. राजेश तिवारी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार अब सभी स्वयंसेवी संगठनों को सिविल लाइन स्थित जिला कार्यालय म.प्र. जन अभियान परिषद, सतना में आकर अपनी संस्थाओं की विस्तृत जानकारी के साथ पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। इसके तहत सभी संस्था प्रमुखों को संस्था के आवश्यक दस्तावेज लाकर राज्य शासन द्वारा जारी किये गये पोर्टल में संस्थाओं की जानकारी फीड कराते हुये पंजीयन प्राप्त करना होगा। पंजीकृत संस्थाये ही भविष्य में सभी विभागों की जनभागीदारी योजनाओं एवं परियोजनाओं के लिये पात्र होगी। पंजीकृत संस्थाओं को भविष्य में एक्रीडियेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। जिससे उनकी गुणवत्ता का प्रमाणीकरण हो सकेगा। सतना जिले की सभी स्वयंसेवी संस्थाये म.प्र. जन अभियान कार्यालय में 7 अप्रैल के पूर्व अपना पंजीयन कार्य पूर्ण करा सकेगें। इसके उपरान्त पंजीकृत संस्थाओं की जानकारी राज्य शासन को अवगत करायी जा सकेगी।
अभी तक सतना जिले में 573 ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियां जिला कार्यालय से सम्पर्क कर खातों को सक्रिय कराते हुये अनुदान प्राप्त कर चुकी हैं। प्रस्फुटन समितियों को सक्रिय करनें हेतु अंतिम तय सीमा 28 मार्च है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश शासन द्वारा सामाजिक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये मुख्यमंत्री नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत 12वीं पास ग्रामीण युवाओं को सामाजिक कार्य क्षेत्र में कैरियर बनानें के मकसद से बी.एस.डब्ल्यू पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसमें ऑनलाइन प्रवेश की अंतिम तिथि 30 मार्च रखी गयी है। पहले आओ और पहले पाओ के सिद्धांत पर जो पहले पंजीयन फार्म भरेंगे, वो पहले प्रवेश पा सकेंगे। प्रत्येक विकासखण्ड हेतु शासन द्वारा 40 सीटें निर्धारित है। जिन्हे बेहद ही कम फीस और सप्ताह में केवल एक दिवस रविवार को आयोजित कक्षाओं में उपस्थित के साथ पाठ्यक्रम पूर्ण कर सकेगे।