Chintaman ganesh of ujjain dressed in a royal turban on the first jatra of chaitra month: digi desk/BHN/उज्जैन/ चिंतामन गणेश मंदिर में चैत्र मास की पहली जत्रा (धार्मिक यात्रा) पर बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। 20 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान चिंतामन गणेश के दर्शन किए। पुजारियों ने भगवान का पूर्णस्वरूप में दिव्य श्र्ाृंगार किया। शाही पगड़ी में सजे चिंतामन गणेश के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए। सुबह छह बजे से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला रात 10 बजे तक चला। चैत्र मास की दूसरी जत्रा 30 मार्च को लगेगी।
पहली जत्रा पर तड़के चार बजे मंदिर के पट खुले
मंदिर की परंपरा अनुसार पहली जत्रा पर तड़के चार बजे मंदिर के पट खुले। इसके बाद पं. शंकर पुजारी के आचार्यत्व में पांच ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान का पंचामृत अभिषेक-पूजन किया। सुबह पांच बजे पुजारियों ने भगवान का पूर्ण स्वरूप में श्रृंगार किया।
छप्पन पकवानों का भोग लगाकर आरती
पश्चात भगवान को छप्पन पकवानों का भोग लगाकर आरती की गई। ब्राह्मणों ने विश्व कल्याण की कामना से गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ भी किए। सुबह छह बजे से आम दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। भक्तों को सभा मंडप से भगवान के दर्शन कराए गए।
चैत्र महोत्सव का आयोजन
बुधवार शाम मंदिर परिसर में चैत्र महोत्सव का शुभारंभ हुआ। स्थानीय कलाकारों ने गीत, संगीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। मंदिर प्रशासक अभिषेक शर्मा ने बताया कि इस बार चैत्र मास की चार जत्रा रहेंगी। प्रत्येक जत्रा पर कला त्रिवेणी से सजी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। कार्यक्रम में भक्तों का प्रवेश निश्शुल्क है।
पहला भाग
चैत्र मास में गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाती है। किसान अपनी उपज को बेचने से पहले उसका पहला भाग भगवान चिंतामन गणेश को अर्पित करते हैं। बुधवार को भी बड़ी संख्या में किसान गेहूं, चना लेकर मंदिर पहुंचे।