Now contracting practice in seeds of fruits flowers and vegetables will be stopped in madhya pradesh: digi desk/BHN/भोपाल/ एमपी एग्रो के अधिकृत ठेकेदारों के माध्यम से किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत दिए जाने वाले फल, फूल और सब्जियों के बीज की व्यवस्था अब बंद होगी। किसानों को अनुदान की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके खातों में दी जाएगी। यह घोषणा उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने मंगलवार को विधानसभा में की।
यह व्यवस्था 2019 के पहले लागू थी। कांग्रेस विधायक हिना कांवरे ने कहा कि फल, फूल और सब्जियों के बीज, दवा, खाद और उपकरण एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कार्पोरेशन के माध्यम से उपलब्ध की व्यवस्था किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
विभिन्न योजनाओं में एमपी एग्रो से अधिकृत ठेकेदारों से बीज-खाद आदि चीजें ली जाती हैं, जबकि ये बाजार में कम दर पर मिलती हैं। उद्यानिकी मंत्री ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा कांग्रेस की सरकार में जून 2019 में लागू हुई थी। एमपी एग्रो से सामग्री लेने के लिए उसे नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया था। पूरक पोषण आहार की व्यवस्था भी ठेकेदारों के हाथ में दे दी गई थी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ठेकेदारी प्रथा बंद करके पोषण आहार का काम महिला स्व-सहायता समूहों को दे दिया। ठेकेदारों द्वारा जिस दर पर बीज उपलध कराया जा रहा है, उससे कम दर पर बाजार में कहीं मिल रहा है तो प्रमाण उपलब्ध कराएं। हम जांच कराएंगे और अप्रैल 2022 से फल, फूल और सब्जियों पर किसानों को सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभ देंगे।
भाजपा विधायक बोले-मेरा प्रश्न ही बदल दिया, कांग्रेस ने भी उठाई आपत्ति
भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में प्रश्न बदले जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मैंने मनरेगा योजना के सामुदायिक और हितग्राहीमूलक कामों की जानकारी वर्ष 2014 से मांगी थी, लेकिन उसे बदलकर सिर्फ सामुदायिक तक सीमित कर दिया गया। यह विधायक के सम्मान और अधिकार की बात है।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि संशोधन का अधिकार अध्यक्ष को होता है कि प्रश्न को किस सीमा तक लिया जाए, ताकि उत्तर आ जाए। कांग्रेस के डा. गोविन्द सिंह ने भी कहा कि यह सच्चाई है कि प्रश्न बदले जाते हैं। मेरा राजधानी परियोजना प्रशासन से जुड़ा प्रश्न बदला गया है। आप इस विषय को दिखवाइए।
पूर्व मुख्यमंत्री का लिया नाम, अध्यक्ष ने कराया विलोपित भाजपा
विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा कि मनरेगा के काम में गड़बड़ी हुई है। जनपद पंचायत लटेरी की सात और सिरोंज की 11 ग्राम पंचायतों की जांच अगस्त 2020 से जारी है, पर अभी तक पूर्ण नहीं हुई है। लटेरी जनपद के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी निर्देशक शर्मा जांच में दोषी पाए जा रहे हैं। उनकी पहुंच बहुत लंबी है, इसलिए उनको बचाने के लिए इस प्रकार की कार्यवाही हो रही है। कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर सरकार से इन पंचायतों की जांच न कराने की बात कही। अपराधियों को बचाने के लिए कांग्रेस का संरक्षण है।
पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने आपत्ति उठाई। अध्यक्ष ने उनका नाम कार्यवाही से विलोपित करा दिया और कहा कि जो सदन में नहीं है, उनका नाम मत लीजिए। उमाकांत शर्मा की मांग पर संसदीय कार्यमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने तीन माह में जांच कराने का आश्वासन दिया।