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Satna: म.प्र. पावर ट्रासंमिशन कंपनी का राज्य लोड डिस्पेच सेंटर राष्ट्र की ‘धरोहर’

राष्ट्र धरोहर के रूप में मिलेगी सायबर सुरक्षा

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ संपूर्ण मध्यप्रदेश में विद्युत सप्लाई को नियंत्रित करने वाले जबलपुर स्थित प्रदेश लोड डिस्पेच सेंटर में संचालित अत्याधुनिक इन्फारमेशन टेक्नॉलाजी के सिस्टमों को सुरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार ने इसे क्रिटिकल एवं प्रोटेक्टेट सिस्टम माना है। इसकी अब राष्ट्र धरोहर के रूप में सायबर सुरक्षा सुनिश्चित की जायेगी। राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अधोसंरचना संरक्षण केन्द्र दिल्ली ने इसे मध्यप्रदेश के गजट में नोटिफिकेशन कराने के निर्देश भी जारी किए हैं।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि इस सिस्टम के लागू और अनुमोदित होने के बाद अब मध्यप्रदेश की जनता को किसी साइबर अटैक के कारण विद्युत आपूर्ति में बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर द्वारा विकसित साइबर सुरक्षा प्रणाली को मान्यता देने के लिए केन्द्र सरकार की मुंबई स्थित राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अधोसंरचना संरक्षण केन्द्र के साथ 15 बैठकें हुई। इसके बाद यह सफलता मिली है।

केन्द्रीय एजेंसी भी करेगी अब लोड डिस्पेच की साइबर सुरक्षा

मध्यप्रदेश पावर ट्रासंमिशन कंपनी के राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता इंजी. के.के. प्रभाकर ने बताया कि पावर सेक्टर में भारत सरकार के नियमों में अब प्रदेश लोड डिस्पेच सेंटर की साइबर सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा भी दिशा-निर्देश दिए जायेंगे। लोड डिस्पेच सेंटर अब राष्ट्र की धरोहर के रूप में अपना कार्य करेगा। लोड डिस्पेच की चार प्रणालियाँ स्काडा, रिन्युवल इनर्जी मेनेजमेंट सिस्टम, यूनिफाइड रियल टाइम डायनामिक सिस्टम तथा वेब आधारित इनर्जी शेड्यूलिंग सिस्टम इस साइबर सुरक्षा प्रणाली से पाबंद रहेंगे।

हैकिंग मानी जायेगी आतंकी गतिविधि

केन्द्र सरकार के अनुमोदन के बाद प्रदेश के बिजली तंत्र के लिए सुरक्षा की दोहरी प्रणाली रहेगी। हनी पॉट डिवाइस से इस प्रणाली को साइबर अटैक से और सुरक्षित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के कानून के तहत अब लोड डिस्पेच सेंटर की प्रणाली में कोई इंटरनेट के जरिये छेड़छाड़ या हैकिंग जैसा कुछ प्रयास करता है तो इसे राष्ट्र की सुरक्षा पर हमला माना जायेगा। साथ ही उसके विरूद्ध इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट में कार्यवाही की जायेगी।

बिजली लाइनों के नीचे नहीं करें होलिका दहन 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सभी बिजली उपभोक्ताओं तथा आम नागरिकों से अपील की है कि बिजली की ऐसी लाइनें जिसमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है, उनके नीचे और ट्रांसफार्मर के समीप होलिका दहन नहीं करें। उन्होंने कहा है कि यदि लाइनों के नीचे होलिका दहन किया जाता है तो बड़ी दुर्घटना घटने की संभावना सदैव बनी रहती है।
विद्युत वितरण कंपनी ने अपने सभी ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं से कहा है कि होलिका का आयोजन और होलिका दहन बिजली लाइनों से कुछ हटकर करें, क्योंकि आग की लपटों से एल्यूमिनियम तारों व केबिल के गलने, जलने और टूटने की संभावना रहती है। इनके टूटने या गिरने से कोई भी बड़ी अप्रत्याशित घटना घट सकती है।

होलिका दहन में प्रतीक स्वरूप करें लकड़ी का उपयोग, वन मंत्री डॉ. शाह ने दी होली की शुभकामनाएँ

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि होली पर्व के अवसर पर होलिका दहन के लिए प्रतीक स्वरूप में कम से कम लकड़ी का उपयोग करें। उन्होंने कहा है कि हरे आवरण की उपयोगिता और पर्यावरण संतुलन हमारे जीवन-निर्वाह की बुनियादी आवश्यकता भी हैं।
वन मंत्री डॉ. शाह ने प्रदेश के नागरिकों को होली की शुभकामनाएँ देते हुए आव्हान किया कि हरे पेड़ों को नुकसान नहीं पहुँचायें। इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने अपील की है रंग और गुलाल के साथ होली का पर्व शालीनता से मनाएँ।

 

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