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Satna: 107 वन धन केन्द्रों की स्थापना, सबसे अधिक 21 वन केन्द्र सतना में, 32 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य घोषित

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश के जनजातीय बंधुओं की आमदनी बढा़ने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार अनूठी कार्य-योजनाओं पर अमल किया जा रहा है। अराष्ट्रीयकृत लघु-वनोपज का संग्रहण, भंडारण, प्र-संस्करण और विपणन से जुडे वनवासियों के आर्थिक तथा कौशल उन्नयन के लिये सुविचारित प्रयास किये जा रहे हैं।
वनमंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बताया कि वनवासियों के हित में 32 लघु-वनोपज प्रजातियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। वनोपज की खरीदी के लिए अपनी दुकान के नाम से 179 खरीदी केन्द्र तथा लघु वनोपज के 47 गोदामों का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री वन-धन विकास योजना वनवासी समाज के लिये वरदान सिद्ध हो रही है। वन मंत्री ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण में प्रदेश की 19 जिला यूनियनों में 107 वन-धन केन्द्र क्लस्टर की स्थापना की गई है। प्रत्येक क्लस्टर में 15 स्व-सहायता समूह हैं। प्रत्येक स्व-सहायता समूह में 20 हितग्राही शामिल रहेंगे। इन केन्द्रों पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध वनोपज, कृषि एवं उद्यानिकी उपज का प्राथमिक प्र-संस्करण, पैकेजिंग तथा विपणन आदि कार्य हितग्राहियों द्वारा किये जाएंगे।

27 संजीवनी आयुर्वेदिक केन्द्र स्थापित

लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा विन्ध्य हर्बल्स ब्रान्ड के नाम से लगभग 350 प्रकार की औषधियों का निर्माण तथा विक्रय किया जा रहा है। इसके अलावा वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 संजीवनी आयुर्वेदिक केन्द्रों की स्थापना की गई है। इन केन्द्रों पर आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा परामर्श दिया जा रहा है। भोपाल, औबेदुल्लागंज देवास, जबलपुर, बड़वानी, खंडवा, ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, खरगोन, रीवा, पश्चिम सीधी, सतना, उत्तर बालाघाट, पश्चिम छिंदवाड़ा, पूर्व छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, उत्तर पन्ना, दक्षिण सिवनी, होशंगाबाद, उत्तर बैतूल, ग्वालियर, दक्षिण सागर, इंदौर, नई दिल्ली, डिंडोरी, छतरपुर और अनूपपुर में संजीवनी आयुर्वेदिक केन्द्र चल रहे हैं।

वन-धन केन्द्रों की स्थापना

सर्वाधिक वन धन केन्द्र 21 सतना में खोले गये हैं। अलीराजपुर में 2, उत्तर बालाघाट में 4, दक्षिण बालाघाट में 6, पूर्व छिंदवाड़ा में 2, पश्चिम छिंदवाड़ा में 2, डिंडोरी में 8, होशंगाबाद में 3, पूर्व मंडला में 6 पश्चिम मंडला में 6, उत्तर पन्ना में 5, दक्षिण पन्ना में 1, उत्तर सिवनी में 6, दक्षिण सिवनी में 6, उत्तर शहडोल में 8, श्योपुर में 2, सीधी में 7, सिंगरौली में 7 और उमरिया में 5 वन धन केन्द्र संचालित हैं। राष्ट्रीयकृत लघु-वनोपज के शुद्ध लाभ की 15 प्रतिशत राशि से औषधीय एवं लघु वनोपज प्रजातियों के पौधा-रोपण, संवर्धन एवं क्षेत्र विकास के कार्य प्राथमिकता से किये जाते हैं। साथ ही लघु वनोपज के संवहनीय दोहन, प्राथमिक प्र-संस्करण, भंडारण एवं विपणन पर जिला यूनियनों में कुशल संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। अलीराजपुर में 2, उत्तर बालाघाट में 4, दक्षिण बालाघाट में 6, पूर्व छिंदवाड़ा में 2, पश्चिम छिंदवाड़ा में 2, डिंडोरी में 8, होशंगाबाद में 3, पूर्व मंडला में 6 पश्चिम मंडला में 6, उत्तर पन्ना में 5, दक्षिण पन्ना में 1, उत्तर सिवनी में 6, दक्षिण सिवनी में 6, उत्तर शहडोल में 8, श्यापुर में 2, सीधी में 7, सिंगरौली में 7 और उमरिया में 5 वन-धन केन्द्र संचालित हैं।

अन्त्योदय तथा प्राथमिकता परिवारों को माह मार्च का केरोसीन आवंटित

जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनातंर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नवीन व्यवस्था अंतर्गत अन्त्योदय परिवार तथा प्राथमिकता परिवार के सदस्यों के लिये माह मार्च 2022 का केरोसीन आवंटित किया गया है। केरोसीन आवंटन की स्थिति एईपीडीएस पोर्टल पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार शहरी क्षेत्र के एलपीजी गैस कनेक्शनधारियों को आवंटन में शामिल नही करते हुये अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 3 लीटर एवं प्राथमिकता परिवारों को 1 लीटर केरोसीन के मान से शासकीय उचित मूल्य दुकानवार, निकायवार व डीलरवार आवंटन जारी किया गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा समस्त केरोसीन डीलरों को निर्देशित किया गया है कि 14 मार्च तक केरोसीन का उठाव कर शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से वितरण कराना सुनिश्चित करें।

दीनदयाल रसोई योजना अंतर्गत खाद्यान्न आवंटित

दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना अंतर्गत माह मार्च 2022 के लिये जिले में संचालित दीनदयाल रसोई की 4 कार्यरत संस्थाओं को खाद्यान्न (98 क्वि. गेहूं, 45 क्वि. चावल) का आवंटन जारी किया गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि योजनांतर्गत गेहूँ एवं चावल का प्रदाय रूपये 1 रूपए प्रति किग्रा. की दर से किया जायेगा। प्रदाय किये जाने वाले गेहूँ एवं चावल के गुणवत्ता की जांच उपरांत एफ.ए.क्यू. गुणवत्ता का ही खाद्यान्न प्रदाय किया जायेगा।

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