Validity of teacher eligibility test increased from two years to three years relief to selected teachers: digi desk/BHN/भोपाल/ तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे चयनित शिक्षकों को अब राहत मिलेगी। मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता को शासने दो से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है। अब इससे एक साल का फायदा चयनित शिक्षकों को मिल गया। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के राजपत्र में प्रकाशित भी कर दिया गया है। ऐसे में उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए उत्तीर्ण चयनित शिक्षकों को एक साल का फायदा मिल जाएगा। अभी हाल में कुछ दिन पहले चयनित शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का घेराव किया था। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें यह कह दिया था कि उनकी पात्रता की वैधता पिछले साल खत्म हो चुकी है। इससे करीब 18 हजार चयनित शिक्षक नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से परेशान हो रहे थे।
इस संबंध में विभाग ने प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा था। भर्ती के लिए नियमावली के अनुसार परीक्षा का रिजल्ट आने के डेढ़ साल तक पात्रता की वैधता रहती है। शासन चाहे तो इसे छह माह तक बढ़ा सकती है। पात्रता परीक्षा का रिजल्ट अगस्त 2020 में आया था। इस कारण इनके नियुक्ति का मामले को विभाग खत्म कर चुका था। उनके पात्रता की वैधता 28 दिसंबर 2021 को समाप्त हो गई थी। बता दें, कि 2018 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड(पीईबी) ने उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 30 हजार पदों के लिए आयोजित की थी। कोविड के कारण दो साल से नियुक्ति प्रक्रिया लटकी रही।
इसमें से 12,043 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। अब भी करीब 18 हजार चयन शिक्षक इंतजार में थे। चयनित शिक्षक अमन मालवीय ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की पात्रता की वैधता 28 दिसंबर 2021 को समाप्त हो रही थी। अभी तक यह वैधता दो साल के लिए थी। अब इसे शासन ने एक साल और बढ़ा दिया है। इससे चयनित अभ्यर्थियों को थोड़ी राहत मिली है। वहीं चयनित अभ्यर्थी अमित गौतम ने कहा कि शासन के इस निर्णय से चयनित शिक्षकों को राहत मिली है। सरकार और विभाग को शीघ्र नियुक्ति प्रदान कर देनी चाहिए।