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Maha Shivratri: शिव कृपा से दूर होगी ग्रह-बाधा, जानिए बीमारियों से राहत के लिए कैसे करें अभिषेक

Maha Shivratri 2022: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ अगर ज्योतिष शास्त्र (Astrology) की मानें, तो आपके शरीर में होनेवाली बीमारियां, दरअसल ग्रहों के दोष या नकारात्मक प्रभाव के कारण होती हैं। अगर जन्म कुंडली में कुछ ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो इनका असर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। सभी ग्रह आपके किसी ना किसी अंग से जुड़े होते हैं और उनकी दशा खराब होने पर उस अंग से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं। लेकिन अगर आप पर भोलेनाथ की कृपा हो, तो किसी भी ग्रह-दशा में जातक को राहत मिल सकती है। ऐसे में अगर महाशिवरात्रि के दिन कुछ विशेष पूजा की जाए तो ना सिर्फ भोलेनाथ प्रसन्न होंगे, बल्कि ग्रहों से जुड़ी बीमारियों में भी राहत मिलेगी। तो चलिए आपको बतायें कि महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) पर किन चीजों से शिवजी का अभिषेक करें, ताकि ग्रहों के दोष दूर हों, और बीमारियों से राहत मिले।

सूर्य  जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में होने पर हृदय से संबंधित रोग जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम और आंखों की समस्या, पाचन तंत्र की बीमारियां, शरीर में कमजोरी, पीलापन आदि रहता है। इसके अलावा व्यक्ति को आंख, सिर और हड्डी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इनके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

चन्द्र – जन्म कुंडली में अगर चंद्रमा नीच का हो या अशुभ स्थिति में हो, तो सर्दी, अस्थमा और आंखों से संबंधित समस्याएं होती हैं। चंद्रमा का संबंध मन से है, इसलिए घबराहट, बेचैनी और मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। इससे राहत पाने के लिए कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।

मंगल  जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होने से खून और पेट से संबंधित बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर, बुखार, दुर्घटना और बार-बार चोट लगने जैसी परेशानी हो सकती है। इससे बचाव के लिए गिलोय की बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

बुध  जन्म कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में हो तो त्वचा संबंधी रोग, जैसे खुजली, खाज, दांतों के रोग और कफ से जुड़ी बीमारियां होती हैं। इसका संबंध शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से भी है। इसलिए पीड़ित व्यक्ति को इंफेक्शन वाली बीमारियां ज्यादा होती है। इससे राहत पाने के लिए महाशिवरात्रि के मौके पर विधारा बूटी के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

गुरु  जन्म कुंडली में गुरु नीच का होने से पेट व फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने की आशंका रहती है। गुरु के खराब होने पर गंभीर बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस और कैंसर आदि होने की आशंका रहती है। इनसे राहत के लिए कच्चे दूध में पीले फूल मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करें।

शुक्र  जन्म कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर यौन संक्रमण, हार्मोन्स से संबंधी बीमारियां, डायबिटीज, कमजोरी और ठंड से जुड़ी बीमारियां होती हैं। इससे राहत के लिए महाशिवरात्रि के मौके पर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।

शनि  जन्म कुंडली में अगर शनि दुःस्थान में हो, तो लंबी चलनेवाली बीमारियां होती हैं। इसके दुष्प्रभाव से अस्थमा, खांसी, दर्द, हड्डी व घुटनों से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इन बीमारियों से राहत के लिए गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।

राहु  जन्म कुंडली में राहु के कमजोर होने से ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनका जल्दी पता ना लग सके। इसकी वजह से यादाश्त खोना, डिप्रेशन, बुखार व दुर्घटना होने की संभावनाएं रहती हैं। इस पाप ग्रह से राहत के लिए भांग या नागकेसर से शिवलिंग का अभिषेक करें।

केतू  जन्म कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में होने से शुगर, कान व गुप्तांग, त्वचा और रक्त संबंधी रोग होते हैं। इनसे उपाय के लिए सरसों के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करें।

 

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