सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण एवं बाल रुचि अनुरुप बनाने तथा सेवाओं के उन्नयन के लिये ‘‘एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी’’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। सतना जिले में कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देशन में प्रारंभ इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व्यापारिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक संस्थायें, प्रतिष्ठित नागरिक सहित शासकीय अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने उत्साह पूर्वक अपना रजिस्ट्रेशन कर एक-एक आंगनवाड़ी केन्द्र को गोद ले रहे हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सौरभ सिंह ने बताया कि जिले में अब तक विभिन्न परियोजना अंतर्गत जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, व्यापारिक प्रतिष्ठान, नागरिकों एवं शासकीय अधिकारियों द्वारा 1030 आंगनवाड़ी केन्द्र गोद लिये जा चुके है। जिसमें रामनगर परियोजना अंतर्गत 172, सतना सोहावल अंतर्गत 160, सतना-1 अंतर्गत 84, रामपुर बघेलान अंतर्गत 78, सतना-2 अंतर्गत 78, चित्रकूट-1 अंतर्गत 72, नागौद-1 अंतर्गत 71, अमरपाटन अंतर्गत 59, मैहर-1 अंतर्गत 58, उचेहरा अंतर्गत 56, मैहर-2 अंतर्गत 50, नागौद-2 अंतर्गत 40, रामपुर-2 अंतर्गत 32 एवं चित्रकूट-2 परियोजना अंतर्गत 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि सभी संबंधित अधिकारी, जनप्रतिनिधि या संस्था गोद लिये आंगनवाड़ी केन्द्रों की निरंतर निगरानी रखेंगे और सहयोगी की भूमिका में रहेंगे। कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी की भौतिक संरचना सुधार के तहत बाल सुलभ आंगनवाड़ी केन्द्र का निर्माण, भवन की मरम्मत, पोषण वाटिका का निर्माण, बाउण्ड्री वाल का निर्माण एवं बाल रुचि पूर्ण पेंटिंग जैसे कार्यां की आवश्यकतानुसार पूर्ति करने के प्रयास भी करेंगे। इसके अलावा केन्द्र में बच्चों के लिये आउटडोर एवं इनडोर सामग्री, सीख आधारित खिलौने, टेबल, कुर्सी, फर्नीचर, यूनिफार्म, जूते, चप्पल, स्वेटर, छाता, विषैले पदार्थ रहित एवं जोखिम रहित खिलौने, पुस्तकें, पंखे, लाइट, कूलर, दरी, मैट सहित अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ति करने के कार्य भी करेंगे।
इसके साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हितग्राही यथा बच्चे, गर्भवती, धात्री, किशोरी बालिकाओं की दर्ज संख्या एवं उनकों दी जाने वाली सेवाओं की निगरानी, बच्चों की ग्रोथ मॉनीटरिंग, हितग्राहियों को मिलने वाले पूरक पोषण आहार प्रदाय, शिशु और मातृ स्वास्थ्य, सामुदायिक स्थानीय समितियों को सशक्त कर निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करने, प्री-स्कूल गतिविधि, न्यूट्री गार्डन, उदिता कार्नर की स्थापना, अतिकम वजन वाले बच्चों के घर में भेंट कर उन्हे प्रदाय की गई सेवाओं की निगरानी एवं माताओं की काउन्सलिंग, टीकाकरण की स्थिति, लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की स्थिति की निगरानी जैसे अपेक्षात्मक कार्य में सहयोग भी प्रदान करेंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह ने बताया कि ‘एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी’ कार्यक्रम कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का क्षमतावर्धन एवं सहयोगी पर्यवेक्षण है। जिसमें जन सहयोग के माध्यम से बच्चों का बेहतर स्वास्थ्य तथा बच्चों को अनौपचारिक रुप से शिक्षित करना है। इस कार्यक्रम के द्वारा मुख्य रुप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बेहतर पोषण स्तर के लिये कार्य किया जाना है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के सहयोगी पर्यवेक्षण के लिये जिला स्तर से 12 बिन्दु भी निर्धारित कर लिये गये हैं।