अभिभावक घर में बजाएंगे स्कूल की घंटी, स्कूल बंद पर पढ़ाई रहेगी चालू
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश के शालेय विद्यार्थियों का दैनिक रुटीन सोमवार, 17 जनवरी से कुछ बदला-बदला सा होगा। उनके स्कूल तो बंद रहेंगे पर उनके घर का एक हिस्सा ही उनका स्कूल बन जायेगा। घर के बडे़ उनके मेंटर्स की भूमिका में होंगे, तो पढाई के टिप्स उन्हें रेडियो और वाट्सएप से प्राप्त होंगे। कोविड-19 से बच्चों को सुरक्षा देने शासन ने कक्षा 1 से 12 के स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई की निरन्तरता भी आवश्यक है। इस दृष्टि से गृह आधारित शिक्षा की भी व्यवस्था पुनः प्रारंभ की जा रही है। इसमें 17 जनवरी से ’हमारा घर-हमारा विद्यालय’ कार्यक्रम शुरू होगा। इसमें पूर्व की भाँति प्रतिदिन एवं नियमित अध्ययन हेतु घर में ही शाला जैसा वातावरण निर्मित कर शैक्षिक गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।
साथ ही विद्यार्थी अपने घर के वातावरण, परिवेश, परिवार के बड़े-बुजुर्गों, वरिष्ठ शाला या कॉलेज में अध्ययनरत बडे भाई-बहन के सहयोग से घर पर ही रहकर पढ़ाई करेगें। इसमें बच्चे के पास सीखने के स्त्रोत के रूप में उपलब्ध रेडियो, पाठ्य-पुस्तक एवं अभ्यास पुस्तिका के आधार पर लर्निंग पैकेज तैयार किया गया है।
‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ कार्यक्रम में प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ‘रेडियो स्कूल’ का प्रसारण सोमवार से शनिवार प्रातः 11 से दोपहर 12 बजे के मध्य प्रसारित होगा। जिसे आकाशवाणी और विविध भारती के प्रदेश स्थित सभी प्रसारण केन्द्र एक साथ रिले करेंगे। साथ ही डिजीलेप वाट्सएप समूहों के माध्यम से भी शैक्षिक सामगी प्रदाय की जायेगी। इसके साथ ही विद्यार्थी अपने घरों पर ही एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका पर भी कार्य करेंगे।
प्रतिदिन परिवार के बड़े सदस्य प्रातः 10 बजे घंटी या थाली बजाकर विद्यालयीन कार्य प्रारंभ करेंगे और 10 से 11 बजे के मध्य विद्यार्थी डिजीलेप वाट्सएप ग्रुप्स पर प्राप्त शैक्षिक गतिविधियों को देखकर अध्ययन एवं अभ्यास करेंगे। प्रातः 11 से 12 बजे तक ‘रेडियो स्कूल’ प्रसारण को सुनेंगे एवं तत्तसंबधी गतिविधियाँ करेंगे। इसके बाद दोपहर 12 से 1 बजे के मध्य एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका पर कार्य करेंगे। इन सभी कार्या की मॉनिटरिंग संबंधित विद्यालय के शिक्षक करेंगे।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश सभी जिला कलेक्टर्स को भेजे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के अभिभावकों एवं उनके परिवार के बडे़ सदस्यों से अपेक्षा की है किए इस दौरान विद्यार्थियों को सहयोग करें एवं उन्हें घर में भी शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराएँ।
परिवार के सदस्यों की भूमिका
शिक्षा का स्थान अथवा कोना निर्धारित समय पर बच्चों का घर में लिखन-पढ़ने के लिए एक स्थान नियत करेंगे और निर्धारित विषय का कार्य करने हेतु प्रेरित करेंगे। बच्चों को आवश्यक स्टेशनरी सुबह 10 से दोपहर 1 बजे गतिविधि के अनुसार यथासंभव पेंसिल, कापी, स्केचपेन, कलर, पेंसिल, पुराने पेपर आदि उपलब्ध कराएँगे। डिजीलेप वीडियो के माध्यम से प्राप्त सामग्री के अध्ययन के लिये सुविधानुसार बच्चों को मोबाइल उपलब्ध कराना। बच्चे पूरे सप्ताह की गतिविधियों के आधार पर 1 से 2 मिनिट का ऑडियो रिकार्डिंग अथवा वीडियो तैयार करके अपने कक्षा ग्रुप पर भेजेंगे, जिसमें पालक उनकी मदद करेंगे। प्रतिदिन एक पेज हिन्दी एवं अंग्रेजी का लेखन एवं गणित का मौखिक अभ्यास कराएँगे।
शिक्षकों की भूमिका
शिक्षकों के मोबाइल पर एक दिवस पूर्व शाम को 8 बजे तक डिजीलेप के वीडियो भेजे जाएँगे, जिन्हें अगले दिन आपको कक्षा के वाट्सएप ग्रुप पर प्रातः 10 बजे तक भेजना होगा। भेजने से पूर्व वीडियो देखें एवं बच्चों को लिखित या ऑडियो के माध्यम से व्हाट्स एप समूह पर सूचना दें। प्रतिदिन अपने विद्यालय के कम से कम 5 बच्चों से मोबाइल के माध्यम से पढ़ी गई सामग्री पर चर्चा कर अगले दिन की सामग्री के बारे में बताना तथा रिकार्ड संधारित करना। प्रतिदिन विद्यालय समय में गाँव या शहर के एक मोहल्ले में 5 बच्चों (जिनके पास मोबाइल उपलब्ध नहीं है) के घर जाकर गृह सम्पर्क के रूप में हमारा घर हमारा विद्यालय के कार्य का अवलोकन एवं आकलन करेंगे तथा फीडबेक देंगें।
प्रधानाध्यापकों की भूमिका
प्रतिदिन अपने विद्यालय के शिक्षकों से चर्चा कर उनसे समय सारिणी के अनुसार ‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ के क्रियान्वयन की जानकारी लेंगे। प्रतिदिन कम से कम 5 अभिभावकों से चर्चा कर उन्हें हमारा घर हमारा विद्यालय के अंतर्गत होने वाली गतिविधियों के बारे में अवगत करायेंगे तथा बच्चों को उसके अनुसार पढ़ाई करवाने हेतु प्रेरित करेंगे। डिजीलेप वीडियो के माध्यम से प्राप्त सामग्री के अध्ययन के लिये सुविधानुसार बच्चों को मोबाइल उपलब्ध कराने हेतु प्रेरित करेंगे। पाँच विद्यार्थियों के घर जाकर बच्चों के प्रतिदिन पढ़ने एवं लिखने की कॉपी की जाँच करेंगे, मौखिक गणित पर चर्चा करेंगे शिक्षकों को सम्पादित किये गये आवंटित कार्यों को देखेंगे एंव रिकार्ड रखेंगे।
मॉनीटरिंग
उक्त समस्त गतिविधियों की मॉनिटरिंग एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से की जायोगी। डीपीसी जिला एवं ब्लॉक एमआईएस के माध्यम से कक्षावार 5 व्हाट्सएप समूह की गतिविधियों की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करेंगे। जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारियों, जन शिक्षक एवं डाइट फेकल्टी के द्वारा भी कक्षावार प्रतिदिन 5 व्हाट्सएप समूह में जुड़कर गतिविधियों की मॉनीटरिंग एवं आवश्यक सहयोग किया प्रदान किया जायेगा। साथ ही जिला एवं विकासखंड स्तर के अधिकारी एवं डाइट फैकल्टी प्रतिदिन पाँच शिक्षकों से दूरभाष पर चर्चा कर ‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ की गतिविधियों जानकारी प्राप्त करेंगे एवं समस्याओं का निराकरण करेंगे।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने कहा कि उक्त समस्त गतिविधियों के संपादन में कोविड प्रोटोकॉल पालन सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने सभी कलेक्टर्स से अनुरोध किया है कि उक्तानुसार गतिविधियों के सुचारू आयोजन के लिए समस्त ब्लॉक प्रभारियों, जनपद शिक्षा केन्द्रों तथा शिक्षकों को आवश्यक निर्देश प्रसारित करें एंव समस्त गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित कराएँ। समय-समय पर शिक्षकों से फीडबैक, फोटोग्राफ्स एवं बच्चों की शैक्षणिक/सीखने की प्रक्रिया को वीडियों के रूप में उपलब्ध कराएँ।