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Satna: समुदाय की भागीदारी बढ़ाने ‘अडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’ कार्यक्रम प्रारंभ

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रदेश में आँगनवाड़ी केन्द्रों को सुदृढ़ करने के लिये समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से ‘अडॉप्ट एन आँगनवाड़ी’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। कार्यक्रम में आँगनवाड़ी केन्द्रों को अपनाने के लिये जन-प्रतिनिधि, शासकीय कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन, गैर-शासकीय संस्थाएँ, औद्योगिक संस्थाएँ और अन्य संगठन अधो-संरचना, आँगनवाड़ी संचालन, पोषण सुधार आदि गतिविधियों में सहयोग कर सकते हैं।
आँगनवाड़ी केन्द्रों को अपनाने के लिये आँगनवाड़ी भवन एवं परिसर के लिये भूमि, आँगनवाड़ी भवन और कक्षों का निर्माण, पूर्व से निर्मित भवनों का सुधार, रंग-रोगन, पूर्व से निर्मित भवनों की बाउण्ड्री-वॉल का निर्माण, केन्द्र में हैण्ड-पम्प की स्थापना, बच्चों के लिये सुलभ शौचालय आदि के निर्माण में अपना सहयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आँगनवाड़ी संचालन में सहयोग के लिये आउटडोर एवं इंडोर खेल सामग्री का प्रदाय, बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध कराना तथा केन्द्र के संचालन में आवश्यक सामग्री जैसे पंखा, घड़ी, फर्नीचर, बर्तन आदि उपलब्ध करा सकते हैं। साथ ही जन-प्रतिनिधि बच्चों के पोषण सुधार के लिये आवश्यक वित्तीय अथवा पोषण सामग्री का प्रदाय, अति कम वजन वाले बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजने के लिये आवश्यक सहयोग तथा उनके परिवार को आवश्यकतानुसार वित्तीय सहयोग अथवा सामग्री के रूप में सहायता प्रदान कर सकते हैं। आँगनवाड़ी केन्द्रों को अपनाने के लिये जिला स्तर पर जिला कलेक्टर को सहयोग राशि प्रदान की जा सकेगी। राशि, चेक अथवा बैंक ड्रॉफ्ट के रूप में ही स्वीकार की जायेगी।

 ”अनुभूति कार्यक्रम“ में 3 लाख 20 हजार विद्यार्थी वन्य-प्राणी और संरक्षण के प्रति होंगे जागरूक

प्रदेश के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को “अनुभूति कार्यक्रम” के जरिए वन्य-प्राणी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस वर्ष 3 लाख 20 हजार विद्यार्थियों को जागरूक करने का लक्ष्य है। कार्यक्रम का शुभारंभ दिसम्बर 2021 में इन्दौर जिले के यूनिक हायर सेकण्डरी मानपुर में 43 विद्यार्थियों के शिविर के आयोजन से किया गया।
ईको पर्यटन विकास बोर्ड के सी.ई.ओ. श्री सत्यानंद ने बताया कि प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में कोविड-19 के मार्गदर्शी निर्देशों का पालन करते हुए अनुभूति शिविरों के माध्यम से जनवरी माह में शासकीय विद्यालयों के 1 लाख 20 हजार विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। वर्ष की शेष अवधि में अशासकीय विद्यालयों के 2 लाख विद्यार्थियों को “कार्यक्रम” से जोड़ा जाएगा। अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए सशुल्क शिविर लगेंगे।
सी.ई.ओ. श्री सत्यानंद ने बताया कि वन विभाग द्वारा ईको पर्यटन के जरिए विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्राकृतिक स्थलों में निर्धारित नेचर ट्रेल पर वनों, वन्य-प्राणियों की जानकारी, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, पक्षी दर्शन, तितली दर्शन, वन्य प्राणी दर्शन के साथ वन प्रबंधन से रू-ब-रू कराया जाता है। इन शिविरों में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स और स्थानीय वन अधिकारी द्वारा विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। शिविरों में प्रशिक्षित विद्यार्थी वन्य-प्राणियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रभावशाली संवाहक की भूमिका निभाते हैं।

हज 2022 में ऑनलाइन आवेदन के लिये आयु सीमा में संशोधन, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति कर सकेंगे आवेदन

मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के प्रभारी सचिव श्री यासिर अराफात द्वारा बताया गया है कि हज कमेटी ऑफ इण्डिया द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में हज-2022 हेतु 65 वर्ष की आयु के प्रतिबंध को संशोधित करते हुए अब ऐसे हज आवेदक जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है, वे हज-2022 हेतु आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि 70 प्लस आयु के इच्छुक हज आवेदक जिनकी आयु 31 मई 2022 (31 मई 1952 को या उससे पूर्व जन्म हुआ हो) को या इसके पूर्व 70 वर्ष की आयु हो रही है, वे रिज़र्व श्रेणी के अंतर्गत एक कम्पेनियन के साथ आवेदन कर सकेंगे। आवेदक पूर्ण जानकारी हेतु हज कमेटी ऑफ इण्डिया की वेबसाइट www.hajcommittee.gov.in पर ज्ञापन क्रमांक 4 (हज-2022) का अवलोकन कर सकते है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के दूरभाष क्रमांक 0755-2530139 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

राज्य शासन ने 12 जनवरी को प्रदेशव्यापी रोजगार और स्व-रोजगार दिवस मनाने का निर्णय लिया

राज्य शासन द्वारा 12 जनवरी 2022 को प्रदेशव्यापी स्वरोजगार-रोजगार दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के संबंध में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये है।
आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, डे-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्व-रोजगार कार्यक्रम, स्व-रोजगार समूहों का बैंक लिंकेज आदि का क्रियान्वयन नगरीय निकायों के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये निकायों के माध्यम से संचालित स्व-रोजगार योजनाओं में लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत स्वीकृति 12 जनवरी 2022 के पूर्व प्राप्त करने का प्रयास करें और 12 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में नगर पालिकायें, नगर परिषद के समक्ष मुख्य नगर पालिका अधिकारी हितग्राहियों को लाभ वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे।
इस कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की सभी रोजगार मूलक योजनाओं का लाभ नगरीय निकायों के लोगों को उपलब्ध कराने के लिये जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में निकाय की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।

उच्च न्यायालय के न्यायालयीन समय में संशोधन

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण और पक्षकारों को त्वरित न्याय दिलाये जाने की दृष्टि से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा न्यायालयीन काम के घंटे बढ़ाने की पहल की गई है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिये मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय नियम, 2008 में संशोधन का सुझाव दिया गया है। पूर्व में उच्च न्यायालय के काम के घंटे सुबह 10.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक थे, जिनमें विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 बजे से 2.30 बजे तक थी। संशोधन के बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अब सुबह 10.15 बजे से सायं 4.30 बजे तक न्यायालयीन कार्य होगा, जिसमें विश्राम की अवधि दोपहर 1.30 बजे से 2.15 बजे तक होगी। इस तरह प्रतिदिन आधा घंटा समय बढ़ने से लम्बित प्रकरणों के निराकरण में इजाफा होगा। उक्त संशोधन म.प्र. राजपत्र की अधिसूचना 31 दिसम्बर 2021 में प्रकाशित हो चुकी है, जो अगले कार्य दिवस 3 जनवरी 2022 से प्रभावशील होगी।

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