After the uproar the winter session of the mp assembly adjourned indefinitely: digi desk/BHN/भोपाल/मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायकों द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए अनुपूरक बजट में मात्र ₹400 का प्रावधान किए जाने को लेकर विरोध किया जा रहा था। इसको लेकर पहले प्रश्नकाल स्थगित हुआ और जब दोबारा कार्यवाही प्रारंभ हुई तब भी कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करते रहे। जबकि, विधानसभा अध्यक्ष बार-बार विधायकों को समझाते रहे कि वह अपने स्थानों पर वापस जाएं और कार्यवाही को आगे बढ़ाने में सहयोग करें, लेकिन वह नहीं माने।
इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई और कार्यसूची में उल्लेखित सभी विषयों को पूरा कराया। इस दौरान वन मंत्री विजय शाह ने मध्य प्रदेश का स्थिति रायन विनियमन संशोधन विधेयक विचार के लिए प्रस्तुत किया। हंगामे के कारण इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकी और इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसी तरह शुरू लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक विचार के लिए रखा लेकिन उस पर भी चर्चा नहीं हो सकी और ध्वनि मत से उसे भी पारित कर दिया गया। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने अशासकीय संकल्प की सूचना पढ़ी और उन्हें भी बिना चर्चा पारित कर दिया गया। फिर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन के बाहर मीडिया से चर्चा में संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अपने 31 साल के राजनीतिक करियर में ऐसा विपक्ष नहीं देखा है, जो चर्चा से भागता है। जो प्रश्न विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे थे, वह प्रक्रिया के तहत नहीं थे। अनुपूरक बजट के समय बजट की बात होनी चाहिए थी, तब तो कोई बात नहीं रखी। वहीं, ओमकार सिंह मरकाम, बाला बच्चन, पीसी शर्मा सहित अन्य कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर आरोप लगाया कि आदिवासियों के हितों की अनदेखी की जा रही है। बजट में 400 रुपये का प्रविधान करना इसे प्रमाणित करता है।