सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में लगातार वन्य जीवों के शिकार के मामले सामने आ रहे हैं। गुरुवार को सतना वन मंडल अंतर्गत चित्रकूट वन परीक्षेत्र में झूरी नदी के पास एक तेदुआ का शव मिला जिसे करंट लगाकर शिकार किए जाने की आशंका जताई गई है। इस तेंतुआ का शव जंगल में प्रयोग के लिए गई ग्रामोदय विवि की टीम को दिखाई दिया जिसे बाद वन विभाग को सूचित किया गया। गुरुवार शाम चित्रकूट पहुंची वन विभाग की टीम और अधिकारियों ने मौका मुआयना किया तो आस-पास जमीन में गड़ी हुई खूंटियां और ताल फैला हुआ पाया गया। इसके साथ ही करंट के निशान भी मिला हैं। जिससे तेंदुआ की करंट लगाकर शिकार की संभावना जताई गई है। घटना के बाद वन विभाग का स्वान दस्ता भी मौके पर पहुंचा।वहीं तेंदुआ का शव मिलने से आस-पास के क्षेत्र में हड़कंप भी मच गया और लोग देखने के लिए पहुंचने लगे। बताया जा रहा है कि जिस जगह यह तेंदुआ मृत अवस्था मिला है वह क्षेत्र सतिअनुसूइया रोड स्थित झुरी नहीं से 50 मीटर अंदर है। यहां शिकारियों द्वारा गुमराह करने के लिए आसपास साही के कांटे फैलाए गए हैं और अंदर करंट के तार फैले हुए हैं।
वन अधिकारियों द्वार तेंदुआ का शव लगभग दो दिन पुराना बताया जा रहा है। क्योंकि तेंदुआ ते शव से लगातार बदबू भी आ रही है। उसके शरीर में साही के कांटे भी छिदे हुए हैं। वहीं पूरे मामले में शव के पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की असली वजह पुख्ता होने की बात कही जा रही है।इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
हीरा बाघ का शिकार
ज्ञात हो कि सतना वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत ही सिंहपुर में बीते माह पन्नाा से भटककर पहुंचा हीरा नाम के बाघ का शव मिला था। इस बाघ का भी शिकार किया गया था जिसके बाद संदिग्धों को वन विभाग ने गिरफ्तार किया था। इस घटना के पूर्व भी उचेहरा और चित्रकूट में तेंदुआ के शव मिल चुके हैं।जिस जगह यह तेंदुआ का शव मिला है वह उत्तर प्रदेश की सीमा से लगता हुआ क्षेत्र भी है। जहां चित्रकूट और मध्य प्रदेश के बीच वन्य प्राणियों का शिकार और उनकी तस्करी के भी लगातार प्रमाण मिलते आए हैं।