सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य निर्वाचन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह द्वारा 4 दिसंबर को त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 के लिये निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा निर्वाचन के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने सम्बंधी घटनाओं पर नियंत्रण हेतु आयोग द्वारा आदर्श आचरण संहिता जारी की गई है, जो निर्वाचन कार्यक्रम जारी होने के साथ ही प्रभावशील हो गई है। आदर्श आचरण संहिता निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक प्रभावशील रहेगी।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों को सभा एवं जुलूस करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके अनुसार किसी हाट, बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी तथा स्थानीय संबंधित पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना दी जायेगी। ताकि शान्ति और व्यवस्था बनाए रखने तथा यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आवश्यक प्रबन्ध कर सके। प्रत्येक राजनैतिक दल या अभ्यर्थी द्वारा किसी अन्य अभ्यर्थी अथवा उसके समर्थकों द्वारा आयोजित सभा या जुलूस में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने या बाधा डालने में अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना होगा। यदि दो भिन्न-भिन्न दलों या उम्मीदवारों अथवा उनके समर्थकों द्वारा पास-पास स्थित स्थानों में सभाएं की जा रही हों तो ध्वनि विस्तारक यंत्रों के मुंह विपरीत दिशाओं में रखे जायेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि किसी अभ्यर्थी के समर्थन में आयोजित जुलूस ऐसे क्षेत्र या मार्ग से होकर नहीं निकाला जाये। जिसमें कोई प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू हों। जुलूस के निकलने के स्थान, समय और मार्ग तथा समापन के बारे में संबंधित स्थानीय पुलिस थाने में कम से कम एक दिन पूर्व सूचना दी जायेगी। इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि जुलूस के कारण सामान्य यातायात में कोई बाधा न हो। जुलूस में शामिल लोगों को ऐसी सामग्री लेकर चलने पर प्रतिबंध रहेगा, जिनका उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सके। प्रत्येक अभ्यर्थी एवं उसके समर्थकों द्वारा किसी अन्य अभ्यर्थी अथवा उसके समर्थकों के नेताओं के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान में जलाए जाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का आयोजन करने से अपने कार्यकर्ताओं को रोकेगा। सभाओं एवं जुलूसों के आयोजन के दौरान तीव्र संगीत एवं ध्वनि विस्तारक का उपयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक होगा।
मतदान केंद्रो का युक्तियुक्तकरण के संबंध में आयोग के दिशा-निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केन्द्रो का युक्तियुक्तकरण करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिये गये हैं।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के पूर्व पंचायतों की मतदाता सूची में 800 अथवा उससे अधिक मतदाताओं वाले मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण किये जाने के अनुकम में ईआरएमएस सॉफ्टवेयर में कार्यवाही की जाना आवश्यक है। राज्य स्तरीय एजेन्सी द्वारा ईआरएमएस सॉफ्टवेयर में आवश्यक परिवर्तन किये गये हैं। जिसके फलस्वरुप नवीन मतदान केन्द्र तैयार करने पर ‘नवीन मतदान केन्द्र’ दर्ज होगा। जिस मतदाता सूची में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान परिवर्तन हो रहा है, उस मतदाता सूची से मतदाता अन्य मतदान केन्द्र से लिंक किये जाने हेतु सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन किया गया है। संशोधन जिन मतदाता सूची में परिवर्तन हो रहा है, उन्हीं मतदाता सूची में दर्ज होगा। स्पष्ट रूप से जिस मतदाता सूची में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है, वे मतदाता सूची यथावत् पूर्ववत् स्वरूप में ही रहेंगी।
बिना अनुमति मुख्यालय नही छोडेगें अधिकारी-कर्मचारी
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2021-22 का कार्यक्रम जारी होने के फलस्वरुप जिले के सभी विभागो के समस्त अधिकारी-कर्मचारी राज्य निर्वाचन आयोग/जिला निर्वाचन कार्यालय के नियंत्रण में आ गये हैं। किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की सेवायें निर्वाचन कार्य या उसके सहयोग के लिये किसी भी समय कभी भी ली जा सकती है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया द्वारा जारी आदेशानुसार जिले के समस्त विभागो के कार्यालय प्रमुखो को आदेशित किया गया है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को अपने स्तर पर अवकाश स्वीकृत नही करें। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी का अवकाश के लिये आवेदन प्राप्त होता है, तो अवकाश स्वीकृति के लिये जिला निर्वाचन कार्यालय की स्वीकृति आवश्यक रूप से प्राप्त करनी होगी। आदेश से कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये गये हैं।