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MP: सतना के सेमरिया गांव में बाघ की दहाड़ से दहशत, मुकंदपुर टाइगर सफारी के अमले ने कड़ी मशक्क्त के बाद किया रेस्क्यू, 3 घंटे बाद पकड़ा गया

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रविवार सुबह सतना जिले के रामपुर बाघेलान और अमरपाटन के बीच बसे सेमरिया गांव में अचानक पहुंचे बाघ की दहाड़ से पूरे इलाके में दहशत फ़ैल गई। दरअसल बहेलिया भाट से लगे सेमरिया गांव में रविवार सुबह आशीष अग्निहोत्री के खेत के पास से गुजर रहे ग्रामीणों को बाघ की दहाड़ सुनाई दी। खेत में अरहर की फसल लगी हुई थी और बीच में बाघ छिपकर बैठा था जो रह-रहकर दहाड़ रहा था। लोगों ने पहले तो सोचा कि कोई और जानवर है, लेकिन हिम्मत जुटाकर जब ग्रामीण पास में गए तो जैसे ही उन्हें बाघ का दीदार हुआ तो ग्रामीणों को होश उड़ गए।

दहशत के बीच लोग दबे पांव वापस पीछे लौट आए। गांव में जाकर अन्य लोगों को बताया। इसके बाद पास में ही स्थित मुकंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी और वन विभाग को सूचित किया गया।जिस गांव में इस बाघ का रेस्क्यू किया गया है वह बेला से मैहर रोड में स्थित है।

3 घंटे चला रेस्क्यू

सेमरिया गांव में टाइगर की धमक की सूचना वन विभाग और मुकंदपुर व्हािट टाइगर सफारी प्रबंधन को मिली तो डायरेक्टर संजय रायखेड़े वन अमले के साथ सेमरिया पहुंच गए। इसके बाद ग्रामीणों के बताए गए स्थान पर सर्चिंग की गई। कई स्थानों पर बाघ के पग चिन्ह भी मिले लेकिन बाघ नजर नहीं आया। लगभग दो घंटे चली मशक्कत के बाद बाघ दिखाई दिया जिसके बाद एक घंटे और व्यतीत कर बाघ को वन अमले ने ट्रैंकुलाइज कर काबू किया और उसे पिंजरे में कैद कर लिया।

मुकुंदपुर ले जाया गया

मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी के डायरेक्टर संजय रायखेड़े ने बताया कि बाघ की उम्र तीन वर्ष है और यह नर बाघ है। इसे लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया गया है।उन्होंने बताया कि इस बाघ को रेस्क्यू कर मुकुंदपुर ले जाया गया है। यहां यह बाघ वन अमले की निगरानी में रहेगा। संजय रायखेड़े के अनुसार बाघ जरूर तीन वर्ष का है, लेकिन उसने गांव में किसी भी जानवर या मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

कहां से आया, की जा रही जांच

संजय रायखेड़े के अनुसार बाघ सेमरिया गांव कहां से आया है इसकी जांच की जा रही है। उनके अनुसार इस बाघ के गले में कालर आइडी भी नहीं लगी है। जिस क्षेत्र में बाघ का रेस्क्यू किया गया वह मैहर वन रेंज और अमरपाटन के बीच में है।यहां से बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की भी सीमा लगती है। इसके साथ ही इस क्षेत्र से संजय राष्ट्रीय उद्यान सहित पन्ना टाइगर रिजर्व का क्षेत्र भी नजदीक पड़ता है।संभावना जताई जा रही है कि यह बाघ भटकते हुए इन्हीं वन्य अभ्यारण्य से सेमरिया गांव पहुंचा जहां ग्रामीणों की नजर इस पर पड़ गई।

इनका कहना है

रविवार सुबह सेमरिया गांव में बाघ देखे जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद मौके पर जाकर बाघ का रेस्क्यू किया गया और मुकुंदपुर लाया गया है। यह नर बाघ है जिसकी उम्र 3 वर्ष है। बाघ कहां से आया है इसकी जांच की जा रही है। अब तक इस बाघ से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा ।

-संजय रायखेड़े, डायरेक्टर, मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी, सतना

 

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